PREFACE TO THE THIRTEENTH EDITION Considering the apparently technical nature of GRAHA AND BHAVA BALAS the sale of the twelfth edition within a short period is indeed an encouraging indication...
इस पुस्तक के प्रकाशन का मुख्य ध्येय यही रहा है कि ज्योतिष के विद्यार्थी ग्रह, और भाव बल का ठीक-ठीक हिसाब लगा सकें जो शुद्ध ढंग से जन्मकुंडली की व्याख्या...
Author- SK Duggal Planetary Strengths is the first book on Shad Bala and Bhava Bala which deals with detailed calculation bases on Vedic Classical Principles and Aplication of Batas for...
ज्योतिष का मुख्य उद्देश्य जातक की शक्ति व दुर्बलताओं का आकलन करते हुए संभावित अनिष्ट से उसकी रक्षा करना है | ज्योतिषीगण भलीभाौँति जानते हैं कि सभी ग्रह अपने बल के अनुरूप ही अपनी दशा या भुक्ति में शुभ या अशुभ परिणाम दिया करते हैं। अत: सही फल कथन के लिए ग्रह का बल तथा बल का स्रोत जानना आवश्यक है | प्राचीन विद्वान् मनीषियों ने ग्रह बल के छः स्रोत माने हैं जिन्हें षडबल कहा जाता है। ये निम्न प्रकार हैं- ]. स्थान बल 2. दिग्बल 3. कालबल 4. चेष्टा बल 5. नेसर्गिक बल 6. दृग्बल पुनः भाव-बल जानने के लिए भावेश ग्रह बल, ग्रहों की दृष्टि से प्राप्त भाव-बल तथा भाक-दिग्बल का प्रयोग होता है। पडबल गणना पर स्व० डा० बी०वी० रमण तथा श्री वी०पी० जैन की पुस्तक सुन्दर, सुबोध व प्रभावशाली हैं । बहुधा पाठकों को फलित करने के लिए अन्य सन्दर्भ-ग्रंथों का सहारा लेना पड़ता है | इस कठिनाई को दूर करने के लिए प्रस्तुत पुस्तक में षडब॒ल गणना के साथ फल विचार के सूत्रों काभी समावेश किया गया है। मेरे गुरुजन परम् पूज्य श्री वी०पी० जैन, श्री रंगाचारी तथा डाक्टर श्रीमती निर्मल जिन्दल ने अपने बहुमूल्य...
सरलतम षड्बल पुस्तक में १० नये आयाम व् चमत्कारी सूत्रों का प्रयोग किया गया है l विद्याथिर्यों व् पाठकगणो का इसमें अत्यंत सरलता से षड्बल समझ में आ जाएगा l...
Best Way to Use Shad Bala: Defining Intrinsic Karmic Structure [English] By K Jaya Shekhar Publisher: MLBD Narayana This book makes a valiant effort to evolve the rules to use...
In Search of Jyotish Book 4: The Strengths and Bhava Analysis [English] by Sarajit Poddar Publisher : Notion Press Also, Check other parts of In Search of Jyotish : Book 1: An...