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Jatak Saardeep (2 Volume set) [Hindi]

₹ 640.00 ₹ 800.00
  • Product Type: Book
  • Barcode: 9788189221447
DESCRIPTION

Jatak Sardeep by SC Mishra

ग्रंथ परिचय..... 

त्रिस्कन्ध ज्योतिष के विशेषज्ञ श्री नृसिंहदैवज्ञ रचित यह ग्रन्थ पन्द्रहवीं सदी में दक्षिण भारत में लिखा गया था। मूल संस्कृत श्लोक सहित पहली बार हिन्दी भाषा में इसका व्याख्यात्मक संस्करण प्रस्तुत किया जा रहा है| 55 अध्यायों में सम्पूर्ण होराशास्त्र की क्रमबद्ध प्रस्तुति अनूठी है। छूटे गए पाठ को पूरा करके पुनः सम्पादनपूर्वक प्रस्तुत यह कति शास्त्र की अमूल्य धरोहर है | 

एक झांकी 

(1) जन्मफल क॑ अनूठे प्रकार |

(2) दक्षिण भारतीय व यवन मत का समन्वय |

(3) विस्तृत दशाफल एवं पंचांग फल |

(4) राजयोग व राजयोगभंग |

(5) ताजिक शास्त्र के अनूठे योगों का जातक में प्रयोग | .

(6) स्वर शास्त्र से जन्मफल करने का अनोखा प्रकार|

(7)नष्टजातक,आयुर्दाय-वर्गफल, ग्रहों का दृष्टिफल आदि |

(8) अन्य भी बहुत कुछ उपयोगी व प्रामाणिक सामग्री |

जातक सारदीप Vol-1

त्रिस्कन्ध ज्योतिष के विशेषज्ञ श्री नृसिंह दैवज्ञ रचित यह ग्रन्थ पन्द्रहवी सदी में दक्षिण भारत में लिखा गया था l मूल संस्कृत श्लोक सहित पहली बार हिन्दी भाषा में इसका व्याख्यात्मक संस्करण प्रस्तुत किया जा रहा है l

५५ अध्यायों में सम्पूर्ण होराशास्त्र की क्रमबद्ध प्रस्तुति अनूठी है l छूटे हुए पाठ को पूरा करके पुनः सम्पादनपूर्वक प्रस्तुत यह कृति ज्योतिष शास्त्र की अमूल्य धरोहर है l

एक झांकी : (१) जन्मफल के अनूठे प्रकार, (२) दक्षिण भारतीय व् यवन मत का समन्वय, (३) विस्तृत दशाफल एवं पंचाग फल, (४) राजयोग व् राजयोग भंग, (५) ताजिक शास्त्र के अनूठे योगो का जातक में प्रयोग, (६) स्वर शास्त्र से जन्मफल करने का अनोखा प्रकार, (७) नष्टजातक, आयुदाय - वर्षफल, ग्रहो का दृष्टिफल आदि, (८) अन्य भी बहुत कुछ उपयोगी व् प्रामाणिक l

जातक सारदीप Vol-2

त्रिस्कन्ध ज्योतिष के विशेषज्ञ श्री नृसिंह दैवज्ञ रचित यह ग्रन्थ पन्द्रहवी सदी में दक्षिण भारत में लिखा गया था l मूल संस्कृत श्लोक सहित पहली बार हिन्दी भाषा में इसका व्याख्यात्मक संस्करण प्रस्तुत किया जा रहा है l

५५ अध्यायों में सम्पूर्ण होराशास्त्र की क्रमबद्ध प्रस्तुति अनूठी है l छूटे हुए पाठ को पूरा करके पुनः सम्पादनपूर्वक प्रस्तुत यह कृति ज्योतिष शास्त्र की अमूल्य धरोहर है l

एक झांकी : (१) जन्मफल के अनूठे प्रकार, (२) दक्षिण भारतीय व् यवन मत का समन्वय, (३) विस्तृत दशाफल एवं पंचाग फल, (४) राजयोग व् राजयोग भंग, (५) ताजिक शास्त्र के अनूठे योगो का जातक में प्रयोग, (६) स्वर शास्त्र से जन्मफल करने का अनोखा प्रकार, (७) नष्टजातक, आयुदाय - वर्षफल, ग्रहो का दृष्टिफल आदि, (८) अन्य भी बहुत कुछ उपयोगी व् प्रामाणिक l

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