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फलित ज्योतिष के तीन आधार भूत अंगों - मुहूर्त, विवाह व सन्तान की एक स्थान पर सांगोपांग व्याख्या आधुनिक परिपेक्ष में मुहूर्त की व्यवहारिक उपयुक्तता विवाह के समय का पराशरी व अष्टकवर्ग विधि से निर्णय; वैवाहिक सम्बन्ध - आशाएँ निराशाएँ व आपदाएं द्वि-पत्नी योग , वैधव्य योग, विधुर योग व कुमार योग के ज्योतिषीय कारण ।
सन्तानोत्पत्ति पर पूर्वपुण्यों का प्रभाव , शिशु जन्म कं समय का पराशऱी व अष्टकवगं विधि से निर्धारण, पुत्रोत्पत्ति व कन्या के जन्म का योग ,सन्तान क्षति व गर्भपात एक अभिशाप
निस्सन्तान योग व पिता-पुत्र सम्बन्ध्र, सभी विषयों का परीक्षित कुंडलियों के विशलेषण द्वारा पाराशरी ,जैमिनी व अष्टकवर्ग विधि से तर्क-संगत्त विस्तृत वर्णन ।
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |