एस्ट्रो पामिस्ट्री ज्योतिष जगत का सर्वथा अछूता विषय है I जन्म-पत्र द्वारा, ग्रह नक्षत्रों की स्थिति और गति के आधार पर भविष्य - कथन के प्रणाली को ' ज्योतिष संज्ञा दी गई है I इसे अंग्रेजो में 'एस्ट्रोलॉजी' कहते है I हस्त रेखाओं के अध्ययन द्वारा फल कथन की विधा को अंग्रेजी में 'पामिस्ट्री' कहते है I प्रस्तुत पुस्तक 'एस्ट्रो पामिस्ट्री के महत्वपूर्ण सूत्र' में सुविज्ञ लेखक डॉ. भोजराज द्वेदी ने एस्ट्रोलॉजी और पामिस्ट्री का एकीकरण किया है I इस दृष्टि से पुस्तक अपने आप में सर्वथा मौलिक और अद्वितीय रचना है I हाथ देखकर जन्म-कुण्डली बना देने की बात सुनने में तो आई है; किन्तु इस रचना से ऐसी कोई कृति देखने में नहीं आई जिसमे इस चमत्कार का सम्यक विधि बताई गई हो I प्रस्तुत रचना में लेखक ने हथेली पर बारह राशियों के स्थान निर्धारित किये है I नौ ग्रह के चिन्ह बताए है I राशियों में ग्रहों की स्थिति के साथ-साथ रेखा,वर्ग, यव, जाली, आयत, वर्ग आदि के द्वारा, तालमेल द्वारा ग्रहों की उच्च नीच स्थिति युति, बलाबल आदि को स्प्ष्ट करके शुभाशुभ फल बतया है I इस ग्रन्थ की सबसे बड़ी विशेषता यह है की खोटे- ग्रहों के जप-दान...
हाथ का अंगूठा - भाग्य का दर्पण अंगूठा चैतन्य शक्ति का प्रधान केंद्र है I इसका सीधा सम्बन्ध मस्तिक से होता है I फलत: अंगूठा इच्छा शक्ति का केंद्र माना...