शक्ति हमेशा पूज्य है । शक्ति का ही एक रूप है यक्षिणी । ब्रह्माण्ड में अनेकों लोक हैं, सबसे निकट का लोक यक्ष और यक्षिणियों का है। पृथ्वी के निकट होने के...
तंत्र - मंत्र द्वारा रोग निवारण जिस प्रकार एलोपैथिक, यूनानी, प्राकृतिक होम्योपैथिक इत्यादि पद्धितयां है उसी प्रकार मंत्रोच्चारण, स्वरविज्ञान और कुछ विशिष्ट आकृत्यों के आधार पर भी रोग निवारण की...
सिद्ध शाबर मन्त्र 1.शाबर मन्त्र शीघ्र प्रभावी होते है l 2.शाबर मन्त्र सरल भाषा में होते है l 3.शाबर मन्त्र से प्रत्येक समस्या का निराकरण सहज ही हो जाता है...
वर्षफल विचार अशुद्ध वर्षमान के आधार पर लगभग १५०० वर्षो से अशुद्ध वर्ष कुण्डलिया बनायीं जा रही है जो कि कदापि उचित नहीं l आप शुद्ध वर्षमान से शुद्ध वर्षमान...
वनस्पतियों की गुप्त शक्तियाँ और उनके अदभुत प्रयोग हमारे देश में पाये जाने वाली दुर्लभ और सुलभ वनस्पतियों एवं उन पर उगने वाली परजीवी वनस्पति (बाँदा ) पर यह पुस्तक...
| अधष्टावक्र गीता राजा जनक और अष्टावक्र सम्वाद मूल संस्कृत श्लोक, हिन्दी अनुवाद और व्याख्या सहित अष्टावक्र एक ऐसे बुद्ध पुरुष थे जिनका नाम आध्यात्मिक जगत् में बड़े सम्मान से लिया जाता...
अघोरी साधु को औघड़ भी कहा जाता है। “अघोरी” उसे कहा जाता है जिसके भीतर अच्छे-बुरे, सुख-दुःख, प्रेम-द्वेष, ईर्ष्या-मोह जैसे समस्त भाव नष्ट हो चुके हों । ये अघोरी कई बार अनेक...