शक्ति हमेशा पूज्य है । शक्ति का ही एक रूप है यक्षिणी । ब्रह्माण्ड में अनेकों लोक हैं, सबसे निकट का लोक यक्ष और यक्षिणियों का है। पृथ्वी के निकट होने के...
अघोरी साधु को औघड़ भी कहा जाता है। “अघोरी” उसे कहा जाता है जिसके भीतर अच्छे-बुरे, सुख-दुःख, प्रेम-द्वेष, ईर्ष्या-मोह जैसे समस्त भाव नष्ट हो चुके हों । ये अघोरी कई बार अनेक...
वनस्पतियों की गुप्त शक्तियाँ और उनके अदभुत प्रयोग हमारे देश में पाये जाने वाली दुर्लभ और सुलभ वनस्पतियों एवं उन पर उगने वाली परजीवी वनस्पति (बाँदा ) पर यह पुस्तक...