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Gorakh Vani Aur Gorakh Yog
गोरख वाणी और गोरख योग
गुरु गोरखनाथ जी की परम्परा में अनेकानेक ग्रंथो का निर्माण हुआ है जो उनकी महानता का अवलोकन करवाते है l नवनाथों के चरित्र, गुरु श्री गोरखनाथ का चरित्रदर्शन, नाथ सम्प्रदाय की परिपाटी में किए जाने वाले कर्मकांड, स्तुति, चालीसा इत्यादि और गोरख मन्त्र - तंत्र विषयक कुछ पुस्तकें बाज़ारो में मिल जाया करती है l मुझे यह सब साहित्य देखकर मन में विचार आया कि इन सबसे तो गुरु गोरखनाथ जी कितने अगम्य ज्ञानी, अष्टांग योग पारंगत, परमतत्व के ज्ञाता, कुण्डलिनी साधक, ब्रह्मपदप्राप्त व् कैवल्यानुभूति युक्त थे, ये ज्ञान नहीं मिलता l गुरु गोरखनाथ जी की ज्ञान विषयक वाणी जो मनुष्य मात्र के लिए महान उपयोगी हो, साधक के लिए ज्ञान गंगा हो, अवधूत के लिए सन्मार्गदायिनी हो; जिसे किसी भी धर्म अथवा सम्प्रदाय का व्यक्ति पढ़े तो गोरख - मार्ग पर चलने की प्रेरणा पा सके ; कोई ऐसा ग्रन्थ उपलब्ध होना चाहिए l इसी विचार से कुछ प्रामाणिक ग्रंथो में से यह वाणियाँ लेकर उनके सरल अर्थ करके आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया है, इस ज्ञान से सधारण जनता लाभान्वित हो सकेंगे l
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1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |