बैकुंठवासी गुरु चन्द्रभानु पाठक जी के दर्शन का सौभाग्य तो मुझे एक ही बार मिला था, पर उनकी शिष्या विजयलक्ष्मी जैन के कारण मै उनके बैकुण्ठवास तक उनके संपर्क में...
आधुनिक इतिहास के पूर्व, जब मनुष्य तथा पशु आपस में बात कर सकते थे, जब शक्तिशाली ब्राह्मण चमत्कार कर सकते थे, तब रावण बुराई के प्रतिनिधि के रूप में समूचे...