कंटक शनि अष्टम शनि शनि की साढ़ेसाती ( अभिशाप या वरदान एक पूर्ण संतुलन )
Author- KN Rao
कंटक शनि अष्टम शनि और शनि की साढ़ेसाती, ये शनि का क्रमश: लग्न और चन्द्र से, चतुर्थ और अष्टम तथा चन्द्र और उससे द्वितीय तथा द्वादश भाव में गोचर मात्र है I लेकिन सतही ज्योतिष करने वाले, शनि एक नाम , एक शब्द जिससे समाज में भय व्याप्त है, को जोड़ कर पैसा कमाते है और जनता को उत्तरोत्तर और विशेषकर संवेदनशील महिलाओ को आतंकिंत करते है I इस सामाजिक कुरीति के विरोध में भारतीय विधा भवन के प्रागण में छात्रों द्वारा सैकड़ो कुण्डिलियों पर इन गोचरों में घटने वाली अनेकानेक घटनाओ पर शोध कार्य किया गया, जिससे निष्कर्ष निकलता है कि शनि का गोचर, मात्र घटना के समय का निर्धारण करने में सहायक सिद्ध हो सकता है लेकिन जीवन कि दिशा दशाओ से ही निर्धारित होती है I किसी भी घटना के शुभ - अशुभ होने में ग्रहो कि विभिन्न भावो व् वर्ग कुण्डलियो तथा राशियों व् नक्षत्रों में परस्पर स्थिति, योग तथा दशाक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है I बारह राशियों, सत्ताईस नक्षत्र, नो ग्रह, बारह भावो व् षोडश वर्गों से ५,५९,८७२ संयोजन बनते है, तो केवल एक गोचर के आधार पर कैसे फलित किया जा सकता है I टेलीविज़न के विभिन्न चैनलो पर तथा समाचार पत्रो में केवल चन्द्र पर शनि के गोचर के आधार पर भविष्य बताया जाता है I छः अरब की विश्व की जनता में , बारह राशियों के आधार पर ५० करोड़ व्यक्तियों का या भारत की १०८ करोड़ की जनता में ९ करोड़ व्यक्तियों का भविष्य एक सा नहीं हो सकता I दैनिक हिन्दू के प्रसिद्ध संपादक कस्तूरी रंजन स्वयं ज्योतिष जानते थे और इस पर विश्वास करते थे और भविष्यवाणी
The Rahu Ketu Experience (Everything You Wanted to Know About Rahu & Ketu) Author: Prash Trivedi | Publisher: Sagar Publications Description:The Rahu Ketu Experience by Prash Trivedi is a comprehensive...
PLANETS AND SISTERS & BROTHERS Author-KN Rao This is the third statistical research being produced this year 2014: the first is the near accurate timing of the birth of a...
Author- SK Duggal Planetary Strengths is the first book on Shad Bala and Bhava Bala which deals with detailed calculation bases on Vedic Classical Principles and Aplication of Batas for...
Grahon ka Roop aur Prabhav [Hindi] by Krishan Ashant 📖 Publisher: Shilalekh Prakashan🔍 Language: Hindi🔮 Category: Astrology Grahon ka Roop aur Prabhav by Krishan Ashant is an insightful exploration of...
ज्योतिष का मुख्य उद्देश्य जातक की शक्ति व दुर्बलताओं का आकलन करते हुए संभावित अनिष्ट से उसकी रक्षा करना है | ज्योतिषीगण भलीभाौँति जानते हैं कि सभी ग्रह अपने बल के अनुरूप ही अपनी दशा या भुक्ति में शुभ या अशुभ परिणाम दिया करते हैं। अत: सही फल कथन के लिए ग्रह का बल तथा बल का स्रोत जानना आवश्यक है | प्राचीन विद्वान् मनीषियों ने ग्रह बल के छः स्रोत माने हैं जिन्हें षडबल कहा जाता है। ये निम्न प्रकार हैं- ]. स्थान बल 2. दिग्बल 3. कालबल 4. चेष्टा बल 5. नेसर्गिक बल 6. दृग्बल पुनः भाव-बल जानने के लिए भावेश ग्रह बल, ग्रहों की दृष्टि से प्राप्त भाव-बल तथा भाक-दिग्बल का प्रयोग होता है। पडबल गणना पर स्व० डा० बी०वी० रमण तथा श्री वी०पी० जैन की पुस्तक सुन्दर, सुबोध व प्रभावशाली हैं । बहुधा पाठकों को फलित करने के लिए अन्य सन्दर्भ-ग्रंथों का सहारा लेना पड़ता है | इस कठिनाई को दूर करने के लिए प्रस्तुत पुस्तक में षडब॒ल गणना के साथ फल विचार के सूत्रों काभी समावेश किया गया है। मेरे गुरुजन परम् पूज्य श्री वी०पी० जैन, श्री रंगाचारी तथा डाक्टर श्रीमती निर्मल जिन्दल ने अपने बहुमूल्य...
The Fascinating Jupiter Author- LR Chawdhri "The Fascinating Jupiter" is the second book of the series of Planets by the author detailing the traits of Jupiter from all angles. The...
Mystery of Retrograde Planets [English] By MG Kastwar Publisher: Alpha PublicationsMystery of Retrograde Planets [English]" by MG Kastwar, published by Alpha Publications, is a book that explores the astrological phenomenon...
PLANETARY ASPECTS IN ASTROLOGY, Author - OP Verma Planetary aspects are modifying and determining influences on the results of planets in a birth chart. Unless aspects are properly computed and...
INTERPRETING PLANETARY INFLUENCES ( English ) Author- VK Choudhary, K Rajesh Choudhary The basis of the divine knowledge of astrology is the Karma theory. The Karma theory is based on...
Retrograde Planet [English] By CS Rao Publisher: Big Note Publication Retrograde PlanetBoon? Or Curse?Way to evaluate(With Model Charts) About Author Prof. C.S. Rao holds an M.A. (Astrology) Degree from P.S....
CHARISMA OF PLANETS : TIMING EVENTS Author- Raj Kumar Lt Col Astrological analysis has tow components. The first is the deduction of likely trends in the life of a native....