No Products in the Cart
Call Us: +91 99581 38227
From 10:00 AM to 7:00 PM (Monday - Saturday)
ज्योतिषरत्नमाला By Shrikrishan Jugnu
ज्योतिष के आधार पर यह कहा जा सकता है कि लल्लाचार्य के बाद 'ज्योतिषरत्नमाला' ही वह ग्रन्थ है जो पूरी तरह ज्योतिष की मौहूत्रिक शाखा पर आधारित है, लल्ल का ग्रन्थ आज अनुपलब्ध है, उसके श्लोक ज्योतिनिर्बंध, रत्नमाला की टीका, मुहूर्त चिंतामणि की प्रमिताक्षरा टिका व् पीयूषधारा टीका, ज्योतिषसार, बृहदैवज्ञरअन्नम प्रभुति ग्रंथो में मिलते है जिनके अवलोकन से कहा जा सकता है कि गर्गसंहिता, वरिष्ठसंहिता और समाससंहिता की भांति ही अनुष्टुप छंदो में इसका ग्रंथन किया गया होगा और मुहूर्त को प्रधानता दी गई होगी l श्रीपति ने रत्नकोश को ही मुख्य आधार माना किन्तु अन्य आचार्यो के निर्देश -पराग को भ्रमर की भांति चुना और अनुपम ग्रन्थ रचा l कदाचित यह मुहूर्त का स्वतंत्र और प्रथम ग्रन्थ है जो तत्कालीन शक सवंत्सर पर आधारित है l
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |