Mudra Healing [English] by Osho Siddhartha Publisher: Oshodhara MUDRA HEALING Yoga is a complete science of healing as well as prevention of diseases. This has been increasingly recognized by the doctors...
Sheel Gandho Anuttaro [Hindi] by Osho Siddhartha Publisher: Oshodhara शील गंधो अनुत्तरो ( ब्रिटेन यात्रा के संस्मरण ) ब्रिटेन में ही मेरे मन में संकल्प जागा कि यदि भारत को महान भारत बनना है, तो हमें अपनी कार्यशैली में इन दो बातो का स्थान देना होगा I लंदन में मैंने एक गीत लिखा - हरा - भरा हिंदुस्तान चाहिए, हमको भारत महान चाहिए ; क्रांति ला दे कुशलता में जो, हमको ऐसा इंसान चाहिए I जो वतन के लिए मर मिटे, हमको ऐसे जवान चाहिए ; साल भर जो उगाए, फसल, हमको ऐसा किसान चाहिए I संत- नानक कबीरा से हो, तुलसी- मीरा के गान चाहिए ; नेता जाति-वर्ग पोषक नहीं, गाँधी से धर्म -प्राण चाहिए I दुःख का जो निवारण करे, बुद्ध - से ज्ञानवान चाहिए ; कर्म का योग बतलाएं जो,कृष्ण जैसे भगवान चाहिए I सब सुखी स्वस्थ समृद्ध हो, हमको ऐसा विज्ञानं चाहिए ; धर्म का मर्म समझाए जो, ओशो - से महाप्राण चाहिए I ब्रिटिश प्रवास के अंतिम दिनों में प्रशिक्षण कोऑडिनेटर को मैं बताता हु कि मेरा विचार ब्रिटेन का सफरनामा लिखने का है I वे खुश होती है और चहक उठती है - " इसका नाम क्या रखेगे ? " " शील गंधो अनुत्तरो I " " क्या मतलब?" " यह गौतम बुद्ध की उक्ति है I " इसका अर्थ है कि शील की सुंगंध सर्वोत्तम है I " देयर इज नो फ्रेग्ररेंस व्हिच कैन मैच विथ दि फ्रेगरेंस ऑफ पोलाइटनेस I "...
Prem Upnishad [Hindi] by Osho Siddhartha Publisher: Oshodhara प्रेम उपनिषद हमारे युग के सबसे बड़े विद्वान जगतगुरु कृपालु महाराज राधा के भक्त रहे I वे सगुण कृष्ण को भगवान का अवतार...
Mudra Chikitsa [Hindi] by Osho Shailendra Publisher: Oshodhara मुद्रा चिकित्सा अधिकतर लोग आसन प्राणायाम के बारे में जानते है l आसन व् प्राणायाम के निरनन्तर अभ्यास से हम निरोग रह...
Jeevit Mariye Bhavjal Tariye [Hindi] by Osho Shailendra Publisher: Oshodhara जीवित मरिए भवजल तरीऐ 'जीवित मरिए, भव जल तरीऐ, गुरुमुख नाम समावे l ' मानवता का ऐसा दुर्भाग्य आ जाए कि...
Hai Koi Jaane Bhed Hamara - Sant Mat 7 [Hindi] by Osho Shailendra Publisher: Limass Foundation है कोई जाने, भेद हमारा संत मत -7 कोई बता सकता है कि मैं...
Rom Rom Ras Pijiye [Hindi] by Osho Shailendra Publisher: Oshodhara रोम - रोम रस पीजिए महर्षि पंतजलि कहते है - ' तस्य वाचक: प्रणव: I ' अर्थार्त परमात्मा का बोधक तत्व...