This book is written with two objectives. First, to emphasise that the subject matter of Jyotish as described by Parasara, Varaha Mihira and others is to decipher the Karma Phala...
गत शताब्दी में प्रकाशित "बृहत् पराशर होरा"नाम से चार ग्रन्थ है . जिनमे सर्वप्रथम बृहत् पाराशर होरा सारांश है l इस ग्रन्थ के तृतीय संस्करण (1933 में प्रकाशित ) के ...