नक्षत्र फल दर्पण
भविष्यवाणी करने में जिन साधनो की आवश्यकता होती है उनमे नक्षत्र अपना विशिष्ट स्थान रखते है i भारतीय पद्धति में तो गणना का आरम्भ ही नक्षत्रो से होता है I इसीलिए भारतीय पद्धति नाक्षत्रिक पद्धति है I इसी पद्धति की उत्तकृष्टता, श्रेष्ठता एवं उपयोगिता पर इस पुस्तक में प्रकाश डाला गया है I
नक्षत्रो के कारकत्व के सम्बन्ध में उनका दशा में प्रयोग कैसे होता है ? उनसे गोचर में फल कैसे कहा जाता है और उनका जन्म कुंण्डली में क्या महत्व है ? वे हमारी दशा पद्धति के कैसे मूल स्तम्भ है ? इत्यादि सभी उपयोगी विषयो का उल्लेख इस पुस्तक में है I
ग्रहो की उच्चता और नक्षत्र पाठको के विशेष देखने योग्य अध्याय है जिनके द्वारा भारतीय ज्योतिष की मौलिकता, उनका भारत में जन्म, उनका आध्यात्मिक आधार आदि बहुत सी बाते ज्योतिष जगत के सामने पहली बार लाई गई है I
Never before in the history of Nakshatra Astrology, has a book like this, which covers the predictive part of Nakshatras, been published. There are many books available, containing personality traits...
The stars or Nakshtras have fascinated most of us during our childhood. During hurly-burly of adulthood, they seemed to be put in background, but come back to centre stage again...
Starting with the Sapta-loka Mandala and the Tri-nadi Chakra, this book examines naksatra tattva where you would be amazed to find the clue to understanding Leonardo's Vitruvian Man. Puskara naksatra...
वैदिक ज्योतिष की विशालता में भारतवर्ष के अनेक ऋषियों एवं विद्वानों का योगदान रहा है l अनेक पद्धितियां विकसित हुई किन्तु इन सब में समान रूप से उल्लेखनीय बात पंचांगीय...