Sripati Paddhati Edited with Sanskrit Text and English commentary by V Surahmanya Sastri is a monumental work. The extensive notes with necessary explanatory tables are very much the core of...
Important leatures of this book: I. It is for the timing of happy events of life such as marriage, progeny, service, etc. 2. Speaks of PACN, i.e., Personal Astrological Cardinal...
Essence of the Book With the beginning of civilization, ambitions began to take shape in the mind of the human community which paved way for the aggrandizement of desire amongst...
Janam Patri Rachna सम्पूर्ण ज्योतिष का आधार जन्मपत्री ही है I जब तक जन्म-त्री सही रूप से नहीं बनायीं जाती , तब तक फलकथन में पूर्णत: और प्राथमिकता नहीं आ पाती I जन्म पत्री रचना अपने ढ़ग की पहली पुस्तक है, जिसके माध्यम से सही जन्म पत्री बनाना सरल ढग से समझाया गया है I इस पुस्तक के अध्ययन द्वारा हज़ारो पाठक जन्म- पत्री बनने में सफल हुए है I ‘ओरिएंट पेपरबैक्स’ द्वारा इस पुस्तक का परिवर्तित एवं परिवर्धित संस्करण प्रकाशित किया जा रहा है I मैंने इस पुस्तक में दो नए अधयाय भी जोड़े है, जो पाठको के लिए...
VEDIC ASTROLOGICAL CALCULATIONS Vedic Astrological Calculations was first published about 3 decades ago.The book deals with calculations of Time,Ayanamsha,Nirayana Longitudes of Grahas and Bhavas,quite in detail.The important subject of Vargas...
सृष्टि के समुदाय के उपरांत मानव समुदाय में महत्वकांक्षा जागृत हुई जिसके परिणामस्वरूप लोगो में आगामी जीवन के विषय में जानने कि इच्छा बलवंत हुई i इसी उत्कंठा के शमन के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के फलस्वरूप की पद्धितियों का विकास हर सभ्यता में हुआ I विकास के क्रम में ही खगोल के सिद्धांत विकसित होते गए जिसे निशिचत रूप से भौतिकशास्त्र एवं गणित से भी महती सहायता प्राप्त हुई I वर्तमान में प्रचलित ज्योतिष शास्त्र का प्रमुख आधार ही खगोलीय एवं गणितीय गणनाएं है I जन्म समय की खगोलीय स्थिति के आधार पर ही गणितीय गन्ना कर किसी जातक की जन्मकुंडली का निर्माण होता है I
इस पुस्तक में ज्योतिषीय खगोल एवं गणित के हर सूक्ष्म एवं विशद सिद्धांत समाविष्ट है जिनका विवेचन सरल रूप में उदारहण के साथ स्प्ष्ट किया गया है I
ज्योतिष शास्त्र भूत, भविष्य तथा वर्तमान का आन्तरिक चित्रण है।जन्मपत्री के द्वादश भावों से जन्म से से मोक्ष तक की जानकारी होती है। इसके तिए आवश्यक है जन्मपत्री का अति शुद्ध निर्माण-इसमें जरा सी गलती होने से ही फलित गतत हो जाता है। इसी कमी को पूरी तरह से दूर करने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है। शुद्ध व सटीक जन्मपत्री निर्माण हेतु सभी आवश्यक एवं उपयोगी सामग्री के
साथ चंद्र स्पष्ट , महादशा , अन्तर्दशा , प्रत्यंतर दसा निकालने के सूत्र ( फ़ॉर्मूलास) उदाहरण सहित दिये गए है, जिससे पाठक स्वयं शुद्ध जन्मपत्री निर्माण कर सकें । पुस्तक पढ़िये और प्रकांड विद्वान् बनने का सपना साकार कीजिये |