ज्योतिष, प्रारब्ध तथा काल चक्र ( तकनीक तथा भविष्यवाणियां ) पुस्तक में दी गयी रोचक घटनाए पठनीय है l यदि आप ज्योतिष शास्त्र से अनभिज्ञ भी है, तो भी सच्ची...
व्यावसायिक जीवन में उतार चढाव (शनि और वृहस्पति के गोचर पर आधारित पुनरावृति तकनीक ) वैदिक ज्योतिष पुस्तको के आधिक्य से कई बाजार भरे हुए है I जिनमे जन्मपत्रियों के सामान्य संकेत पर ही विशेष ध्यान दिया गया है I वास्तविक रूप में वैयक्तिक्त अध्ययनों द्वारा स्पष्टीकृत, सांख्यकीय रूप से परीक्षित, भविष्यवाणी की पुनरावृतिक तकनीको को दर्शाता हुआ कोई भी उत्कृष्ट शोध नहीं है I प्रथम बार यह पुस्तक न केवल वैदिक ज्योतिष के भविष्यवाणी निर्धारक गुप्त सिद्धान्तों का सुस्पष्ट और सूक्ष्म विवरण प्रस्तुत करती है बल्कि इनके सफल और पुनरावृतिक प्रयोग की व्याख्या करते हुए, इस उत्कृष्ट विज्ञानं के आलोचकों द्वारा प्रस्तुत सभी संदे यहां दी गई तकनीको का परीक्षण स्वयं प्रयोग श्री के.एन. राव के आवास की प्रयोगशाला में तथा उनके मार्गदर्शन में संचालित प्रसिद्ध विधालय भारतीय विधा भवन में...
Hindu Jyotish Ka Saral Addhyan (Hindi) by K.N. Rao | Vani Publications हिंन्दु ज्योतिष का सरल अध्ययन ग्रहो के आधार पर सप्ताह के दिनों के नाम, नवग्रह, द्वादश भाव, भावो...
Successful Marriages With Jupiter In Simha ( A Research) If you marry when Jupiter is in Simha does it ruin a marriage? Has it occured to you that it has...
Saphal bhavishyvani (taknik aur dushtant)
ज्योतिष प्रेमियों के लिए सफल भविष्यवाणी की यह पुस्तक प्रस्तुत करते हुए मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है i यह पुस्तक उन लोगो के लिए भी है जो यह जानना चाहते है क़ि ज्योतिष भविष्यवाणी और मार्गदर्शन करने वाला विज्ञानं है, या काला जादू और ग्रह शांति छघ् उपायों का पिटारा i आजकल के ज्यादातर ज्योतिष यही सब करके पैसा बना रहे है i पैसा उनका भगवान है और ठोस वैज्ञानिक ज्योतिषीय भविष्यवाणी करना उसके बुते क़ि बात नहीं है i
भारतीय विधा भवन के विधाथिर्यो द्वारा क़ि गई सटीक भविष्यवाणियों के इस सकलन के जरिए हम यह भी बताना चाहते है क़ि ज्योतिष का सम्यक शिक्षण समाज के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है, कम से कम उन लोगो के जो ज्योतिष को मार्गदर्शन तथा भविष्य दर्शन का विज्ञानं मानते है i वरना टीवी चैनलों पर आ रहे ज्योतिष कार्यक्रमों ने तो इसे जादुई करतब या बाजीगरी सा बनाकर रख दिया है i
अब यह समझ लेना चाहिए कि साढ़े- साती, कटक शनि और कालसर्प जैसे काल्पनिक योगो से डराकर, पैसे ऐठने वाले ज्योतिष धूर्त- वदमाश है
जैमिनी कारकांश और मण्डूक दशा से भविष्यवाणी
जैमिनी ज्योतिष के इतिहास में श्री के.ऐन.राव की पुस्तक. "प्रेडिक्टिंग थ्रू जैमिनी चर दशा" एक मील का पत्थर सिद्ध हुई । इसके पूर्व कोई ऐसी पुस्तक उपलब्ध नहीं थी जिसमे जैमिनी ज्योतिष कै द्वारा फलादेश किस प्रकार किया जाता है, ऐसा दर्शाया गया हो I जयपुर में इस पुस्तक के गहन अध्ययन एवं परिक्षण के बाद, सितम्बर 1995 में यह कहा गया कि पिछले दो हज़ार वर्षों में जैमिनी ज्योतिष के विकास की यह एक महानतम घटना है I श्री राव को इस पुस्तक के लिए स्वर्ण - पदक प्रदान किया गया I
प्रस्तुत पुस्तक इसी श्रृंखला की एक और कड़ी है i जैमिनी ज्योतिष की किसी भी पुस्तक ने इस दशा की कोई भी खूबी नहीं दर्शाई है i जैमिनी ज्योतिष पर लिखने वाले सभी लेखक आपको भ्रम में दाल देते हैं i वे कभी किसी दशा का फलादेश के लिए कैसे उपयोग किया जाता है , बताते ही नहीं i
लेखक ने अपनी इस पुस्तक में अपने शोध को प्रस्तुत किया है i उन्होंने मण्डूक दशा द्वारा फलादेश कुंडलियों पर दिखाया है i तीस से अधिक कुंडलियों पर लेखक ने अपना शोध सिद्ध किया है
कंटक शनि अष्टम शनि शनि की साढ़ेसाती ( अभिशाप या वरदान एक पूर्ण संतुलन )
कंटक शनि अष्टम शनि और शनि की साढ़ेसाती, ये शनि का क्रमश: लग्न और चन्द्र से, चतुर्थ और अष्टम तथा चन्द्र और उससे द्वितीय तथा द्वादश भाव में गोचर मात्र है I लेकिन सतही ज्योतिष करने वाले, शनि एक नाम , एक शब्द जिससे समाज में भय व्याप्त है, को जोड़ कर पैसा कमाते है और जनता को उत्तरोत्तर और विशेषकर संवेदनशील महिलाओ को आतंकिंत करते है I इस सामाजिक कुरीति के विरोध में भारतीय विधा भवन के प्रागण में छात्रों द्वारा सैकड़ो कुण्डिलियों पर इन गोचरों में घटने वाली अनेकानेक घटनाओ पर शोध कार्य किया गया, जिससे निष्कर्ष निकलता है कि शनि का गोचर, मात्र घटना के समय का निर्धारण करने में सहायक सिद्ध हो सकता है लेकिन जीवन कि दिशा दशाओ से ही निर्धारित होती है I किसी भी घटना के शुभ - अशुभ होने में ग्रहो कि विभिन्न भावो व् वर्ग कुण्डलियो तथा राशियों व् नक्षत्रों में परस्पर स्थिति, योग तथा दशाक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है I बारह राशियों, सत्ताईस नक्षत्र, नो ग्रह, बारह भावो व् षोडश वर्गों से ५,५९,८७२ संयोजन बनते है, तो केवल एक गोचर के आधार पर कैसे फलित किया जा सकता है I टेलीविज़न के विभिन्न चैनलो पर तथा समाचार पत्रो में केवल चन्द्र पर शनि के गोचर के आधार पर भविष्य बताया जाता है I छः अरब की विश्व की जनता में , बारह राशियों के आधार पर ५० करोड़ व्यक्तियों का या भारत की १०८ करोड़ की जनता में ९ करोड़ व्यक्तियों का भविष्य एक सा नहीं हो सकता I दैनिक हिन्दू के प्रसिद्ध संपादक कस्तूरी रंजन स्वयं ज्योतिष जानते थे और इस पर विश्वास करते थे और भविष्यवाणी
ग्रह और संतान
इस पुस्तक का गहन अध्ययन कीजिए I ऐसा करके आप भविष्यवाणी कर पाएंगे -
१ संतान के जन्म की
२ संतान के साथ दुर्घटना इत्यादि की
३ संतानहीनता की समस्या तथा उसके दैवीय उपाय की तथा संतानहीनता और उसके साथ घटित होने वाली दुर्घटनाओं से निजात पाने की
४ संतान विषय पर ऐसी पुस्तक प्रकाशित नहीं हुई I
५ प्रसूति रोग विशेषज्ञ जो ज्योतिष जानते है इस पुस्तक से लाभ उठा सकते है और वे ज्योतिषी-सहानुभूति रखने वाले प्रसूति- रोग विशेषज्ञों की मदद कर सकते है, इस पुस्तक के माध्यम से, उनको ज्योतिषीय सहायता देकर जिसकी उन्हें बहुत आवश्य्कता होती है I
Grah Aur Santaan