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Manav Kaul Complete Combo (Set of 13 Books) [Hindi] By Manav Kaul
Publisher: Hind Yugm
मानव कौल के जीवन को उनके लिखे के बहाने समझा जा सकता है। एक लेखक का लिखा किस तरह उसके जीवन और लेखन में यात्रा कर रहा होता है उसे मानव की किताबों से गुज़रते हुए गुना जा सकता है। मानव की यह लेखन-यात्रा 13 किताबों तक पहुँच चुकी है। नई किताब ‘कतरनें’ हिंदी किताबों की प्रचलित विधाओं की सीमाओं को तोड़ती है और अपना एक निजी संसार रचती है। इससे पहले मानव की 12 पुस्तकें—‘ठीक तुम्हारे पीछे’ (कहानियाँ), ‘प्रेम कबूतर’ (कहानियाँ), ‘तुम्हारे बारे में’ (न कविता, न कहानी), ‘बहुत दूर, कितना दूर होता है’ (यात्रा-वृत्तांत), ‘चलता-फिरता प्रेत’ (कहानियाँ), ‘अंतिमा’ (उपन्यास), ‘कर्ता ने कर्म से’ (कविताएँ), ‘शर्ट का तीसरा बटन’ (उपन्यास), ‘रूह’ (यात्रा-वृत्तांत), ‘तितली’ (उपन्यास), ‘टूटी हुई बिखरी हुई’ (उपन्यास) और ‘पतझड़’ (उपन्यास) प्रकाशित हो चुकी हैं।
Theek Tumhare Peechhe | ठीक तुम्हारे पीछे
Tumhare Baare Mein | तुम्हारे बारे में
Prem Kabootar | प्रेम कबूतर
Bahut Door, Kitna Door Hota Hai | बहुत दूर, कितना दूर होता है
Chalta Phirta Pret | चलता-फिरता प्रेत
Antima | अंतिमा
Karta Ne Karm Se | कर्ता ने कर्म से
Shirt Ka Teesra Button | शर्ट का तीसरा बटन
Rooh | रूह
Titali | तितली
Tooti Hui Bhikhari Hui | टूटी हुई बिखरी हुई
Patjhad । Patjhar । पतझड़
Katranein । कतरनें
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |