No Products in the Cart
Call Us: +91 99581 38227
From 10:00 AM to 7:00 PM (Monday - Saturday)
जातकालंकार
जातकालंकार वास्तव में ही जातक शाखा का अलंकार भुत ग्रन्थ है l प्राचीन शुकसुत्रो का अर्थपल्ल्वन श्लोकबद्ध रीति से करके गणेश कवी ने सरस् शैली में जातकालंकार की रचना की थी l ये काव्य, व्याकरण आदि के भी विद्वान थे, ऐसा इन्होने स्वय उल्लेख किया है l जातकालंकार के योगों की बड़ी ख्याति है l अनुभव में इसके अधिकांश योग खरे उतरते है l
प्रस्तुत संस्करण में शुकसुत्रो का मूल पाठ रखकर सम्बन्धित श्लोक से उसका अर्थ संगमन करते हुए नवाख्या हिंन्दी व्याख्या की गई है जो अनेकत्र प्रचलित व्याख्यान भ्रमो को तोड़ती हुई प्रतीत होगी l अत: हमारा विश्वास है कि यह अन्वर्थ संज्ञा टिका सिद्ध होगी l
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |