RASAYANA TANTRA (Gerontology of Ayurveda) By Bal Govind Tiwari The growing numbers of aged people are making a great impact on civilization. The modern medicine is taking its effort in...
जातकालंकार By Satyendra Mishra
फलितज्योतिष का विकास पुराणों में उध्दत व्यास - वशिष्ठ - नारदादि दैवज्ञों के वचनो के आधार पर ही हुआ है I प्रस्तुत ग्रन्थ "जातकालंकार " श्रीमदभागतोक्त जो जातक सम्बन्धी फल है उन्ही के आधार पर निर्मित है l इस विषय में ग्रंथकार की भी स्पष्टोक्ति है I यह ग्रन्थ सात अध्यायों में है जिसमे छ: अध्याय ज्योतिष सम्बन्धि और सातवाँ वंश वर्णन का है I इन सातो अध्यायों में श्लोको की संख्या क्रमश : ११-३७-३३-३-२२-८ और ४ है I इन सब का योग ११८ होता है जबकि ग्रंथकार ने छठे अध्याय में ११० श्लोक ही बताया है I संभवत: ग्रन्थ में जो ज्योतिष सम्बन्धि श्लोक नहीं है, उनको ग्रंथकार ने गणना में नहीं लिया है I ग्रन्थ के अंतर्गत आने
आर्युर्वेदीय नाडीपरीक्षा- विज्ञान By Govind Prasad Upadhyya आर्युर्वेदीय चिकित्सा का उद्देश्य है - व्याधिविशेष का सम्प्राप्ति - विघटन तथा प्रकृति - स्थापन l यहाँ मात्र रोगनामपूर्वक नहीं अपितु प्रकृति -विकृतिपरक सम्प्राप्ति -ज्ञानपूर्वक रोग- निदान करने का विधान है l वैध रोगी- रोग परीक्षा द्वारा...
आवाहन By Arun Kumar Sharma
भारत में प्राचीनकाल से ही देवी - देवताओ और सिद्ध, महापुरुषों की छवि के साथ- साथ चक्राकार प्रभामंडल प्रदर्शित किया जाता रहा है I इनके चित्रों को और उसमे प्रभामंडल को देखकर सामान्यत: लोग यही समझते है कि यह उनकी शोभा के लिए और काल्पनिक रूप से महत्ता बताने के लिए दिया गया है I यह भी कहा जाता है कि सन्त- महात्माओ और सिद्ध योगियों के पास जाते ही वे एक ही नजर में लोगों को पहचान लेते है तथा बाधा व्याधियों के बारे में सही - सही जानकारी देते है I सिद्ध पुरुषो के ऐसे चमत्कारी प्रभाव से विद्वान और वैज्ञानिक अछूते नहीं रहे है I साधु- संतो के द्वारा प्रदर्शित ऐसी चमत्कारी घटनाओ को कुछ लोग धार्मिक
तन्त्रम By Arun Kumar Sharma 'तंत्र ' एक विशाल और व्यापक शब्द है और उसी प्रकार उसका अर्थ भी है असीम व्यापक और विशाल I सम्पूर्ण विश्व में जितने भी धर्म है, जितने भी सम्प्रदाय...
अभौतिक सत्ता में प्रवेश अभौतिक सत्ता में केवल भाव है, भावना है, अनुभूतियाँ है - जिनको प्रमाणित नहीं किया जा सकता I उसी प्रकार जैसे आप सपने में घटी घटनाओ...
Author- Achyutanand Jha वराह लल्लादी आचार्यों की कही हुई युक्तियों को देखकर प्राचीनों के वचनों से पवित्र और विचित्र वास्तुरत्नावली को अपनी बुद्धि के अनुसार मै बनाता हूँ l गृहस्थों...
बृहदवास्तुमाला ज्योतिष शास्त्र का अन्यतम अंग वास्तुविधा है ; इसका ज्ञान बृहत्संहिता, मुहूर्तचिन्तामणि, मुहूर्त्तमार्तण्ड, रत्नमाला, गृहभूषण, वास्तुमाला, वास्तुप्रबन्ध आदि ग्रंथो में विक्रीण है ; इस दृष्टि से 'बृहदवास्तुमाला' में उन...