No Products in the Cart
Call Us: +91 99581 38227
From 10:00 AM to 7:00 PM (Monday - Saturday)
Mrityu ke Baad Janam se Pahle [Hindi] by
Publisher: Oshodhara
मृत्यु के बाद जन्म से पहले
मौत पीड़ादायक नही, बल्कि कष्टनिवारक हितैषी है I प्रकृति बड़ी करुणावान 'सर्जन' है I 'अनिस्थिसिया' के समान हालत में प्रकृति देह से आत्मा को निकालने का आप्रेशन करती है I मौत के पहले शरीर में रोग की वजह से जो तकलीफे हो रही थी, वे सब खत्म हो जाती है I सारी भौतिक जरुरते समाप्त हो जाती है I देह के दुखदायी बंधन मिट जाते है I अगर किसी को पीड़ा होती है तो मौत के कारण नही, बल्कि जीवन को व्यर्थ गवाया, इसका पश्चाताप होता है I
सर्वप्रथम तो मृतात्मा अपने परिवारजनों के दुःख को कम करने की कोशिश करती है I उन्हे सात्वना देना चाहती है I भाषा का प्रयोग तो कर नहीं सकती, अतः परोक्ष ढंगो से बताना चाहती है कि मैं आनंद में हूं I किन्तु दुःख में लोग सिकुड़कर अग्रहणशील हो जाते है I पड़ोसी व् रिश्तेदार उन्हे और ज्यादा दुखी करने के प्रयास में रहते है I
प्रियजनों का दुःख उसको रोकता है I एक अंधेरी सुरंग में से गुजरने का आकर्षण उसे दूसरी ओर खिंचता है I सुरंग के उस पार शीतल प्रकाश है, उसमे चुम्बक जैसा असर है I संत पलटू कहते है, उल्टा कुआ गगन में, जिसमे जले चिराग I 'उस डार्क टनल से यात्रा करके आत्मा इस लोक से उस लोक में पहुच जाती है I परलोक क़ी कोशिश, खिंचाव, गुरुत्वाकर्षण के समान बल होता है, जो सूक्ष्म शरीर पर कार्य करता है I
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |