Interpreting Divisional Charts [English]Authors: N.N. Sharma, K.N. Rao | Publisher: Vani Publications Master the art of analyzing divisional charts with "Interpreting Divisional Charts", an essential guide co-authored by N.N. Sharma...
Book Title: Navamsa System of PredictionLanguage: EnglishPublisher: Ranjan Publications Author-- RK Das Description:"Navamsa System of Prediction" is an insightful guide to one of the most significant techniques in Vedic astrology,...
पुस्तक की विशेषताएं ग्रंथों में दिए गए सूत्र सैकड़ों वर्षों पहले के हैं उन्हें समझना और प्रयोग करना सरल नहीं है क्योंकि विवाह के सम्बन्ध में जो सूत्र लिखे...
About the book This book is about the Dashamsa which author describes as Mahat Phalam' of Karma. Author has collected many rare gems on this topic and presented them in...
Author- Krishna Kumar This unique book on methodical study of divisional charts. Shri Krishna Kumar has usefully utilized his talent in two disciplines astrology and engineering. He is Master of...
Encyclopedia of Vedic Astrology : Vargas The Vargas or the Divisional Chart is an unique way of evaluating not only the real strength of the planets but the level of...
Author- Krishna Kumar सभी द्वादश लग्न जातकों के गुण व दोष l सभी लग्नों की शक्ति व दुर्बलताएँ l द्वादश लग्नों के २४ होराफल l सूर्या व चद्र होरा में स्थित ग्रहों...
ज्योतिष शास्त्र में अंशात्मक चार्ट Author- SBR Mishra
अंशात्मक ज्योतिष के सम्बन्ध में कुछ लिखने के पूर्व यह आवश्यक है कि पाठको को आरम्भिक ज्योतिष का ज्ञान संक्षेप में करा दिया जाय जिससे पुस्तक कि शेष सामग्री को समझने में सरलता हो I मनुष्य का जीवन ८४ लाख योनियो के बाद प्राप्त होता है I एक-एक क्षण अनमोल है I इसका उपयोग कर भगवत तत्व प्राप्त करना जीवन का उद्देश्य है I कर्म ही जीवन है I पृथ्वी लोक भोग - भूमि न होकर कर्म भूमि है I भारतीय दर्शन के अनुसार कर्म तीन प्रकार के है - १. संचित कर्म २. प्रारब्ध कर्म ३. क्रियामाण कर्म I वर्तमान तक किया गया कर्म संचित कहलाता है I यह एक प्रकार से बैंक में जमा राशि है I संचित से कुछ हितकर या अहितकर फल लेकर हम पैदा होते है जिसे प्रारब्ध कहा जाता है I वर्तमान जीवन में जो हम कर्म करते है वह क्रियामाण है I
यह पुस्तक इस बात को ध्यान से रखकर लिखी गयी है कि पाठकगण ज्योतिष से अनभिज्ञ है अत: एक अध्याय प्राम्भिक ज्योतिष का दिया गया है I सप्तम बिन्दु को ध्यान में रखकर भगवान् अनन्त के आत्यनितक अनुग्रह से ज्योतिष शास्त्र के प्रेमी पाठको के सामने यह नूतन रचना प्रस्तुत करते हुए मेझे अपार हर्ष हो रहा है I इसमें वर्गीय कुण्डलियो का विश्लेषण किया गया है तथा अनेक उदाहरण देकर वास्तु को सरल ढंग से समझाने का प्रयास किया गया है I
संज्ञा विचार ( पौराणिक पद्धति से वर्ग विचार ) By Krishna Kumar महर्षि पराशर ने अपने होराशास्त्र में वर्ग कुण्डलियों का महत्व स्वीकारते हुए उन्हें ग्रह साधन व् राशीशील के...
Jaimini: Arudhas and Divisional Charts [English] By Anantha SharmaPublications : Sagar Publications Arudha means "mount" or "image" and refers to a reflection of the house it represents, capturing how one’s...