मृत आत्माओ से सम्पर्क और अलौकिक साधनाऐ तंत्र क्षेत्र में की जा रही व्यापक खोजो से हम आश्चर्यचकित अवश्य हो जाते है लेकिन वह अभूतपूर्व नहीं है l ज्योतिषीय और...
Jeevatma [Hindi] By Ganga Prasad Upadhyaye Publisher: Vijaykumar Govindram Hasanand जीवात्मा" (Jeevatma) हिंदी पुस्तक, जिसके लेखक हैं विशेषज्ञ गंगा प्रसाद उपाध्याय, आपको आत्मा के रहस्यमयी विश्व की यात्रा पर ले जाएगी। इस...
आत्मा एक, शरीर अनेक
अपनी इस बहुप्रतीक्षित तथा बहुप्रशंसित नई पुस्तक में डॉ. वीज ने इस रहस्य पर से पर्दा उठाया है कि किस तरह हमारे भविष्य -जन्म ( आने वाले जन्म ) हमारे वर्तमान को रूपांतरित करने का माध्यम बन सकते है I हम सभी ने अतीत में ढेरो जीवन जिए है I हम सभी भविष्य में भी अनेको बार पुनर्जन्म लेगे I हमारे वर्तमान जन्म के कर्म व् चुनाव ही हमारे आने वाले जन्मो क़ी रुपरेखा तय करेगे I हमारी विकास यात्रा इसी तरह आगे बढ़ती है I
इस पुस्तक में 'मेनी लाइव्स ' मेनी मास्टर्स' के विश्वविख्यात लेखक डॉ.वीज अपने मरीजो को न सिर्फ उनके पूर्वजन्मों में ले गए है अपितु यहाँ आप उन्हें अपने मरीजो को भविष्य में प्रोग्रेस कराते हुए भी देखेगे और इन्ही प्रोग्रैशनो के माध्यम से उन्होंने जाना है कि हमारे भविष्य - परिवर्तनशील है - अभी इस जन्म में लिए गए हमारे निर्णय ही हमारे आने वाले जन्मो क़ी गुणवत्ता तय करेगे I
यह पहली बार है जबकि डॉ. वीज अपने मरीजो को इलाज के लिये सुनयोजित तरीके से उनके भविष्य में ले गए है I दर्जनों केस हिस्ट्रीज़ के माध्यम से डॉ, वीज ने यह दर्शाया है कि प्रेगरशन थेरेपी को एक उपचार माध्यम क़ी तरह प्रयोग करके मरीजो को कहाँ अधिक शांति,
दिव्यात्माओ का संदेश ( प्रेम की शक्ति का अहसास जगाने वाली शिक्षाएँ )
सुविख्यात पुस्तक 'मेनी लाइव्स ' मेनी मास्टर्स' के लेखक इस बार हमारे लिए एक आध्यात्मिक मार्गदर्शिका लेकर प्रस्तुत हुए है जो कि हमें प्रेम क़ी उपचारक ऊर्जा को ग्रहण करने एवं उसे उपयोग में लाने का मार्ग सुझाती है i अपनी इस नई एवं महत्वपूर्ण पुस्तक के माध्यम से, जिसे क़ि उन्होंने अपनी उसी पुरानी दिलचस्प शैली में लिखा है, डॉ. ब्रायन वीज ने अपनी फाइल में दर्ज दर्जनों उलेखनीय केस हिस्ट्रीज तथा दिव्यात्माओ रूपी अशरीरी मार्गदर्शकों द्वारा दिए गए ज्ञान के माध्यम से निम्नलिखित विभिन्न विषयो पर रोशनी डाली है i
१. अनश्वरता, पुनर्जन्म तथा आत्मा का वास्तविक स्वरूप
२ अपने जीवन, सबंधो तथा स्वयं को रूपांतरित कैसे किया जाए
३ नियति और आपका वास्तविक उधेश्य
४ आपके अपने पुनर्जन्म तथा उन्हें सामने लाने का तरीका
५ मन की शांति, स्वाथ्य , ख़ुशी तथा तृप्ति