Kismat ke Anmol Ratan - Upaya Jyotish Shrankhla [Hindi] by
SC Mishra (Suresh Chandra Mishra)
Publisher: Pranav Publications
अथर्ववेद में बताये गए उपयोगी रत्नों नगो और नगीनो को धारण करने से सोया भाग्य जगता है , ऐसा वेद वचन है I कौन सा रत्न पहने ? किस हाथ में कौन सी अंगुली में पहने ? हाथ के अलावा कहा पहने ? रत्न पहनने से क्या लाभ होगा ? इत्यादि प्रश्नों का वेदोक्त समाधान प्रस्तुत करने वाले इस ग्रन्थ में खास तौर पर आपके लिए मधुकरवृति से चुन चुनकर इन बिन्दुओ पर सरल व् सुबोध शैली से विचार किया गया है :-
1.अपना भाग्यशाली रत्न खुद चुन सकने के सुबोध तरीके
२. नो ग्रहो के रत्नों में से कौन से रत्न शुभ व् लाभ देने वाले है
३ .वर्गों और नगीनो के अतिरिक्त वनस्पति रत्नों का अर्थववेदीय विवेचन
४. जन्मपत्री की गहरी पड़ताल किए बिना ही केवल अपने लग्न या राशि के आधार पर अनुकूल रत्नों का निश्चय
५. राशि के आधार पर व्यक्ति के मूल भुत गुणों और विशेषताओ की खिलावट
६. जन्म समय में ग्रह किस भाव में स्थित है, इस आधार पर रत्न पहनने के शुभ अशुभ फलो का खुलासा
बिना दृष्टि के जीवन उस अँधेरी रात की तरह है , जिसमे अपने शारीर के अंगो का भी एहसास नहीं होता I यही स्थिति ज्योतिष ज्ञान के बिना मानव जीवन की है I ज्योतिष एक प्राचीन शास्त्र है जिसकी अवहेलना नहीं की जा सकती I लेकिन इस प्राचीन ज्ञान अर्थार्त ज्योतिष को नकारने की परंपरा इन दिनों समाज में विकसित हुई है I परन्तु मजे की बात यह है की ऐसा वर्ग भी किन्ही विशेष स्थितियों- परिस्थितियों में देवज्ञ की शरण लेता है और वहां उसे अपनी समस्याओं का समाधान भी मिलता है I यही स्थिति एक सामान्य व्यक्ति की भी है I वह भी कुछ विशेष अवसरों पर ज्योतिष शास्त्र का आश्रय लेता है I
यहाँ यह वाट विचारणीय है की यदि किन्ही विशेष स्थितियों - परिस्थितयो या विशेष आयोजनों पर ज्योतिष के मार्ग दर्शन से हम शुभ और लाभ प्राप्त कर सकते है, तो नित्यप्रति की छोटी - बड़ी समस्याओं का निराकरण क्या इस विशिष्ट शास्त्र द्वारा नहीं कर सकते ? ज्योतिष शास्त्र समस्याओं का समाधान तो सुझाता ही है , वह जीवन की प्रतिकूलताओं को अनुकूलताओं में भी परिवर्तित कर देते है I यहाँ यह भी जाना जरूरी है की उपायों के रूप में ज्योतिष शास्त्र तंत्र, मंत्र और यन्त्र साधनाओ का भी उपयोग करते है I
इस पुस्तक में जन्म कुंण्डली का विवेचना करने के बाद उसके समाधान भी सुझाए गए है I यदि श्रद्धा और आस्थापूर्वक इन उपायों को यथा विधि किया जाए तो मनचाही कामना अवश्य ही पूर्ण होगी - ऐसा शास्त्र वचन है I
Remedial Vaastushastra [Hindi] by Bhojraj Dwivedi Publisher: Diamond Books रेमिडियल वास्तु- शास्त्र (बिना तोड़ - फोड़ के वास्तु ) वास्तव में वस्ति शास्त्र की यह अमूल्य भेट मनुष्य को हमारे प्राचीन...
अनिष्ट ग्रह उपचार १. छोटे व् सरल उपायों से स्वास्थ्य, सम्मान व् सफलता पाने के पाँच उदाहरण २. विभिन्न ग्रहो के नक्षत्र में स्थित, सूर्यादि ग्रह पर अनिष्ट प्रभाव ३...
ज्योतिष द्वारा रोग निवारण
जन्मकुंण्डली में किस ग्रह से किस रोग का विचार करे, किस रोग की स्थिति में किस मंत्र - स्रोत्र का पाठ करे आदि का शास्त्र - सममत प्रतिपादन I पराविज्ञान के ज्ञाता देवज्ञ लेखक ने अपने अनुभव सिद्ध प्रयोगों का पुट देकर पुस्तक को अति उपयोगी बना दिया है I
ज्योतिष की दृष्टि से असाध्य रोगों का कारण सहित विवेचन I
वनस्पतियों की गुप्त शक्तियाँ और उनके अदभुत प्रयोग हमारे देश में पाये जाने वाली दुर्लभ और सुलभ वनस्पतियों एवं उन पर उगने वाली परजीवी वनस्पति (बाँदा ) पर यह पुस्तक...