ज्योतिष शास्त्र भूत, भविष्य तथा वर्तमान का आन्तरिक चित्रण है।जन्मपत्री के द्वादश भावों से जन्म से से मोक्ष तक की जानकारी होती है। इसके तिए आवश्यक है जन्मपत्री का अति शुद्ध निर्माण-इसमें जरा सी गलती होने से ही फलित गतत हो जाता है। इसी कमी को पूरी तरह से दूर करने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है। शुद्ध व सटीक जन्मपत्री निर्माण हेतु सभी आवश्यक एवं उपयोगी सामग्री के
साथ चंद्र स्पष्ट , महादशा , अन्तर्दशा , प्रत्यंतर दसा निकालने के सूत्र ( फ़ॉर्मूलास) उदाहरण सहित दिये गए है, जिससे पाठक स्वयं शुद्ध जन्मपत्री निर्माण कर सकें । पुस्तक पढ़िये और प्रकांड विद्वान् बनने का सपना साकार कीजिये |
Laghu Parashari - Hindi उद्दुदायप्रदीप नामक मौलिक ग्रन्थ 'लघुपाराशरी ' के नाम से प्रसिद्ध है l इस ग्रन्थ में विशोत्तरी दशा पद्धति पर आधारित महत्वपूर्ण श्लोक दिए गए है l...
जीवन और ज्योतिष जीवन क्या है ? ज्योतिष हमारी दिनचर्या को किस प्रकार और कितना प्रभावित करता है ? जीवन में ज्योतिष की उपयोगिता क्या है ? जीवन में भाग्य...
“This book is unique in the world for its clear and competent structure. It guides the reader easily step by step to interpret a Vedic horoscope. Graphical displays and exercises...
ज्योतिषरत्नमाला By Shrikrishan Jugnu ज्योतिष के आधार पर यह कहा जा सकता है कि लल्लाचार्य के बाद 'ज्योतिषरत्नमाला' ही वह ग्रन्थ है जो पूरी तरह ज्योतिष की मौहूत्रिक शाखा पर...
विवाह के पहलू व् 'सप्तम भाव' (ग्रहो का विवाह पर प्रभाव ) Author- Aparna Sharma 'ज्योतिष मंथन ' द्वारा की गई समीक्षा इस प्रकार है - बड़े दिनों बाद विवाह को लेकर एक चिंतनपरक पुस्तक प्रकाशित हुई है जिसमे लेखिका अर्पणा शर्मा ने विवाह की संस्था उसका इतिहास, विवाह से संबंधित विभिन्न योगायोग सप्तम भाव और शुक्र से सम्बंधित कारकत्व, तुला राशि में उच्च एवं नीच ग्रहो का तार्किक विश्लेषण किया गया है I सभी ग्रहो का विवाह से सम्बन्ध, यिन व्...