Gochar Phal Darpan (Ek Adhunik aur Vaigyanic Adhyayan)लेखक: ए.के. गौड़प्रकाशक: अल्फा पब्लिकेशन यह पुस्तक गोचर फल के आधुनिक और वैज्ञानिक अध्ययन पर आधारित है। ए.के. गौड़ ने इसमें गोचर की...
ज्योतिष प्रवेशिका Author- AK Gaur यह पुस्तक आपको बताएगी - * वेद, पुराण, उपनिषद, ऋषीवाणी और ज्योतिष का सम्बन्ध I * सुख ही सुख लाने के लिए ज्योतिष और जीवन...
पंच सिद्धान्त Author- Krishna Kumar १. ग्रहशील (ग्रहो का स्वरूप व् स्वभाव) २. ग्रह कारकत्व विचार (ग्रह अवयव रोग, लौकिक सम्बन्ध, व्यवसाय आदि ) ३. नक्षत्र सिद्धान्त (ग्रहो पर नक्षत्रो...
कुण्डली मिलान (सुखी दाम्पत्य जीवन का आधार ) Author- SC Kurcija विवाह जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना है l जातक के माता -पिता इसे पूर्ण विचार -विमर्श करके करना चाहते...
काल चक्र दशा से फलित Author- Girish Chandra Joshi * वर्तमान समय में जो पुस्तके कालचक्र दशा में सम्बन्धित है, उनमे ऐसे ही उदाहरणों को रखा गया है जिसमे देहादि...
"ज्योतिष तो जीवन शाश्त्र है, जिसे जीएवं प्यारा हो उसे ज्योतिष शाश्त्र भी अपनाना होगा" गुरुदेव के इस सूत्र को प्रथम अध्याय में थोड़ा विस्तार देने का प्रयास किया है | विशिष्ट व्यक्तियों को जो यश और मान प्राप्त हुआ उसके पीछे ज्योतिषीय कारणों की विवेचना अध्याय २ बनी |विवाह ,रोग या दुर्घटना तथा धन वैभव की प्राप्ति में ग्रह और गोचर का महत्व, अध्याय ३ से ५ तक संकलित है | शिक्षा, आजीविका ,विदेश यात्रा तथा आर्थिक सम्पन्नता या धन और यश प्राप्ति से सम्बंधित चर्चा अध्याय ६,७,८, में हुई है |
इसके बाद तीन अध्याय धन हानि , हत्या या मृत्यु तथा अपराध और दंड जीवन के अंधियारे पक्ष पर प्रकाश डालते हैं | अध्याय १२ से १५ तक भूसंपदा , वाहन सुख , माता पिता की मृत्यु तथा संतान सुख कब तक विचार हुआ है | अध्याय १६ आंसू और मुस्कान का अर्थ जीवन और ज्योतिष के संबंधों की पुष्टि करना है |
आजीविका विचार (ज्योतिष के झरोखे से भाग -१) By Krishna Kumar १. आजीविका के मूल तत्वों पर विचार हुआ है जिसमे निष्कर्ष यह निकला कि दशमेश के अन्य ग्रहो से...
राहु-केतु दशा फलदीपिका नामक इस कृति का वैशिष्ट्य है, जो आधुनिक समय- सत्ता की अनिवार्यता है जिसका अभाव एवं अपूर्ण ज्ञान ज्योतिष प्रेमियों समय -सत्ता की अनिवार्यता है जिसका अभाव ...
भृगु नवनीतम (भृगु सूत्र तथा भृगु संहिता पर आधारित ) By KK Pathak भृगु के नाम पर ऐसी भी पुस्तके प्रकाशित हो रही है जिनका भृगुकालीन होना संदेहास्पद है l...