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Rahasyaavran se Mukti Vastu Jeene ki Kala aur Vigyan [Hindi]

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DESCRIPTION

प्रस्तुत पुस्तक रहन - सहन की प्राचीन पद्दति और गृह निर्माण व वास्तु -कला की आधुनिक प्रौद्योगिकी का सुबोध सम्मिश्रण है l वास्तु शास्त्र की तकनीकों और विधियों के मानकीकृत और व्यवस्थित रूप का पूर्ण परिचय इस पुस्तक में मिलता है l

पुस्तक तीन खण्डों में विभाजित है l प्रथम खंड वास्तु की उन मूल अवधारणाओं , सिद्धांतों और शक्तियों की गहरी समझ के प्रति समर्पित है, जो किसी स्थान विशेष को प्रभावित करती हैं l पुस्तक का दूसरा खंड रहस्योद्घाटन करता है कि किस प्रकार हम इस धरा पर , अपने घर में ही, स्वर्ग का निर्माण कर सकते हैं ल इससे पता चलता है कि किस प्रकार हम घर कि बाहरी शांति कि स्थापना द्वारा मन की आतंरिक शांति प्राप्त कर सकते हैं l तृतीय खंड वास्तु के नित्यप्रति उपयोग से सम्बंधित है l एक अलग अध्याय में कार्यस्थल वास्तु की भी विस्तृत चर्चा की गई है , जो कई दृष्टियों से , रिहायशी वास्तु से अलग है l

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