Nakshatra Phal (2 Volume set) [Hindi] By KT Shubhakaran Publisher: Sagar Publications यह दो खंडों में प्रकाशित पुस्तक नक्षत्र फल नक्षत्रों के प्रभाव और उनके फलादेश के बारे में गहरी जानकारी प्रदान...
Nakshatra Phal (Volume 1) - Nakshtron ke Aadhar Par Bhavishyavani aur Upayaलेखक: KT शुबकालनप्रकाशक: सागर पब्लिकेशन यह पुस्तक नक्षत्रों के आधार पर भविष्यवाणी और उनके उपायों को समझने में मदद...
Author- KT Shubhakaran नक्षत्रों पर आधारित भविष्यवाणी का उद्गम वैदिक काल में हुआ था, तब इसे " वेदांत ज्योतिष" कहते थे I नक्षत्र शब्द संस्कृत से उतपन्न हुआ है एक विचार के अनुसार इसका अर्थ (नक्ष = प्रवेश ) + ( त्र = रक्षा करने वाला ) है I अत: कुल मिलाकर प्रत्येक नक्षत्र २८ देवताओ में से प्रत्येक का घर अथवा निवास होता है, जो नक्षत्रीय तथा सौर विकास की रक्षा तथा संचालन करते है I नक्षत्रों पर आधारित भविष्यवाणी का मुख्य आधार जन्म - नक्षत्र अथार्त जन्म के समय एक विशेष नक्षत्र में चन्द्रमा की स्थिति है I प्रस्तुत पुस्तक के आगे अध्ययन से पूर्व निम्नलिखित जानकारी/ आंकड़े उपलब्ध होना आवश्यक है-१. जिस वर्षे में जातक का जन्म हुआ है उस वर्ष का ज्योतिष पंचांग I२. जन्म स्थान के अक्षांश तथा रेखांश का निर्धारण करना I३. जातक के जन्म का ठीक समय, दिन, मास तथा वर्ष का निर्धारण यदि जन्म समय किसी देश के निर्धारित समय के अनुसार है तो अक्षांश के आधार पर जन्म का स्थानीय समय भी जानना आवयश्क है I स्थानीय समय निकालने का सूत्र इस प्रकार है : यदि मेरिडियन के पूर्व में स्थित स्थान पर जन्म हुआ है तोअक्षांश की प्रत्येक डिग्री पर उस देश के निर्धारित समय में ४ मिनट जोड़े और यदि जन्मस्थान मेरिडियन के पश्चिम में स्थित है तो अक्षांश की प्रत्येक डिग्री पर निर्धारित समय...