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स्वप्न और शकुन
संसार के कोने- कोने में पुरातन काल से स्वप्न और शकुन के फलो को मान्यता प्राप्त है l यही विश्वास किया जाता है कि स्वप्न और शकुन भविष्य में होने वाली शुभाशुभ घटनाओ का पुर्वास देते है l प्राचीन -काल के राजा तथा अन्य उच्च पदाधिकारी सदा स्वप्न और शकुन के फल को जानने के लिए विद्वान् पण्डितो की सम्मति प्राप्त करते थे और उसी के अनुसार अपने कार्यक्रम निश्चित करते थे और उसी के अनुसार अपने कार्यक्रम निश्चित करते थे l अशुभ स्वप्नों और शकुनो के अशुभ फलो के निवारण के लिए जो विधान नियत किए जाते थे उनका वे पालन करते थे l सिकन्दर महान, चंगेज खा तथा सम्राट अशोक आदि भी अपने कार्यक्रम इसी प्रकार भविष्य वक्ताओं तथा स्वप्न और शकुन शास्त्रियों की मंत्रणा के अनुसार ही निश्चित किया करते थे lसभी देशो के प्राचीन ग्रंथो, कथाओं और कविताओं में स्वपनों और शकुनो को महत्व दिया गया है l भारत के मान्य ग्रंथो -रामायण, महाभारत आदि में भी स्वप्नों और शकुनो तथा उनके फलो की मान्यता के विवरण सम्मलित है l इनके अनेको उदाहरण इस पुस्तक में पाठको को देखने को मिलेंगे l