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Kaljugi Upnishad Author- Dayanand Verma
" अगर आज उपनिषद का ऋषि आ जाये तो कैसी उपनिषद लिखेगा ?" " यह कलजुग है, उपनिषद लिखने का युग निकल गया I " " युग कैसे निकल गया, जो विषय सतयुग , त्रेता , द्वापर में थे ही नहीं, जो कलजुग में ही उपजे हैं, उन पर विचार करने के लिए भी तो कोई उपनिषद चाहिए , कोई ऋषि चाहिए I " " जब जरूरत होगी, भगवान उस ऋषि को भेज देंगे I विदुला ने कहा I
| 0.5kg | ₹40 |
| 1kg | ₹70 |
| 1.5kg | ₹110 |
| 2kg | ₹130 |
| 2.5kg | ₹138 |
| 3kg | ₹170 |
| 4kg | ₹175 |
| 5kg | ₹200 |
| 7kg | ₹270 |
| 10kg | ₹325 |
| 12kg | ₹420 |
| 15kg | ₹530 |
| 20kg | ₹850 |


