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ज्योतिष स्वय शिक्षक
ज्योतिष विधा से भलीभाँति परिचित व्यक्ति भी इस पुस्तक का अध्ययन करने के पश्चात सुनिश्चित हो जायेगे कि जिस ज्ञान शाखा को वे इतना अधिक प्रेम करते है, वह कितने अधिक वैज्ञानिक आधार पर स्थिर है, तथा इससे उन लोगो को ज्योतिष विधा में अविश्वास करने वालो अथवा उसका उपहास करने वालो से अपने मत का सही प्रतिपादन करने में निश्चित ही सहायता मिलेगी l
हमने प्रारम्भिक अध्यायों में मुख्य रूप से यह सिद्ध करने का युक्ति ढंग से यत्न किया है कि अनजाने के जन्म लेने वाला तथा निष्ठुरतापूर्वक काल के कराल गाल में समा जाने वाला मनुष्य चाहे जितनी भी शेखी बघारे किन्तु वह होता है अपने चारो ओर की परिस्थितियों का गुलाम ही l वह मनुष्य इस अनवरत चल रहे संसार चक्र की एक कील मात्र है, उससे अधिक कुछ नहीं l इस पुस्तक के सभी उपयुक्त स्थलों पर हमने यह कहने में कोई संकोच नहीं किया है कि किसी भी अन्य विज्ञान के नियमों को तुच्छ समझना तो दूर रहा, ज्योतिष विधा तो उन नियमों को निश्चित रूप से शाश्वत मानती है तथा अपने निष्कर्षो को भौतकी, खगोल - शास्त्र तथा गणित - शास्त्र पर आधारित करती है l
ज्योतिष की इस पुस्तक को पढ़ने के उपरान्त पाठक का स्तर इतना अवश्य हो जाएगा कि वह ज्योतिष सम्बन्धी वाद - विवाद, भाषण, प्रवचन लेख तथा पुस्तकों का ज्ञान हृदयगम कर सके और जन्म - पत्रियों का अध्ययन कर स्थूल रूप से भूतकाल और भविष्यकाल का दिग्दर्शन कर सके l
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |