फलित ज्योतिष में चुनौतियाँ और उपाय लेखक: के. एन. राव | प्रकाशक: वाणी पब्लिकेशंस विवरण:फलित ज्योतिष में चुनौतियाँ और उपाय में के. एन. राव ने ज्योतिषियों को उन प्रमुख समस्याओं...
The Message of This Book Author- KN Rao The great poet Surdas has expressed sublime thoughts and talked of the inefficacy of all remedies except surrender unto HIM. There are...
ग्रह और संतान Author- KN Rao
इस पुस्तक का गहन अध्ययन कीजिए I ऐसा करके आप भविष्यवाणी कर पाएंगे -
१ संतान के जन्म की
२ संतान के साथ दुर्घटना इत्यादि की
३ संतानहीनता की समस्या तथा उसके दैवीय उपाय की तथा संतानहीनता और उसके साथ घटित होने वाली दुर्घटनाओं से निजात पाने की
४ संतान विषय पर ऐसी पुस्तक प्रकाशित नहीं हुई I
५ प्रसूति रोग विशेषज्ञ जो ज्योतिष जानते है इस पुस्तक से लाभ उठा सकते है और वे ज्योतिषी-सहानुभूति रखने वाले प्रसूति- रोग विशेषज्ञों की मदद कर सकते है, इस पुस्तक के माध्यम से, उनको ज्योतिषीय सहायता देकर जिसकी उन्हें बहुत आवश्य्कता होती है I
Grah Aur Santaan
Predicting Through Karakamsha & Jaimini's Mandook DashaAuthor: KN RaoPublisher: Vani Publications This book focuses on the Karakamsha and Jaimini's Mandook Dasha, two unique and powerful tools in Vedic astrology for...
Karma & Rebirth in Hindu Astrology [English]Author: KN RaoPublisher: Vani Publications Uncover the spiritual dimensions of astrology with Karma & Rebirth in Hindu Astrology, a profound exploration by the renowned...
Hindu Jyotish Mein Karma aur Punarjanmaलेखक: KN Raoप्रकाशक: वाणी पब्लिकेशन यह पुस्तक हिंदू ज्योतिष में कर्म और पुनर्जन्म के सिद्धांतों की गहराई से व्याख्या करती है। KN Rao ने इस...
Kaal Sarpa Yoga - Why Such Fright? Author: KN RaoPublisher: Vani Publications Description:Kaal Sarpa Yoga is often feared in Vedic astrology, but is this fear justified? In this insightful book,...
Yogis Destiny and the wheel of Time Author- KN Rao This is book about some of the hundreds of great Yogis of India the author has met during a period...
Jyotish Mein Anglakshan Author: KN RaoPublisher: Vani Publications Description:Can the signs and marks on your body reveal your destiny? In Jyotish Mein Anglakshan, renowned astrologer KN Rao explores the astrological...
कंटक शनि अष्टम शनि शनि की साढ़ेसाती ( अभिशाप या वरदान एक पूर्ण संतुलन )
Author- KN Rao
कंटक शनि अष्टम शनि और शनि की साढ़ेसाती, ये शनि का क्रमश: लग्न और चन्द्र से, चतुर्थ और अष्टम तथा चन्द्र और उससे द्वितीय तथा द्वादश भाव में गोचर मात्र है I लेकिन सतही ज्योतिष करने वाले, शनि एक नाम , एक शब्द जिससे समाज में भय व्याप्त है, को जोड़ कर पैसा कमाते है और जनता को उत्तरोत्तर और विशेषकर संवेदनशील महिलाओ को आतंकिंत करते है I इस सामाजिक कुरीति के विरोध में भारतीय विधा भवन के प्रागण में छात्रों द्वारा सैकड़ो कुण्डिलियों पर इन गोचरों में घटने वाली अनेकानेक घटनाओ पर शोध कार्य किया गया, जिससे निष्कर्ष निकलता है कि शनि का गोचर, मात्र घटना के समय का निर्धारण करने में सहायक सिद्ध हो सकता है लेकिन जीवन कि दिशा दशाओ से ही निर्धारित होती है I किसी भी घटना के शुभ - अशुभ होने में ग्रहो कि विभिन्न भावो व् वर्ग कुण्डलियो तथा राशियों व् नक्षत्रों में परस्पर स्थिति, योग तथा दशाक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है I बारह राशियों, सत्ताईस नक्षत्र, नो ग्रह, बारह भावो व् षोडश वर्गों से ५,५९,८७२ संयोजन बनते है, तो केवल एक गोचर के आधार पर कैसे फलित किया जा सकता है I टेलीविज़न के विभिन्न चैनलो पर तथा समाचार पत्रो में केवल चन्द्र पर शनि के गोचर के आधार पर भविष्य बताया जाता है I छः अरब की विश्व की जनता में , बारह राशियों के आधार पर ५० करोड़ व्यक्तियों का या भारत की १०८ करोड़ की जनता में ९ करोड़ व्यक्तियों का भविष्य एक सा नहीं हो सकता I दैनिक हिन्दू के प्रसिद्ध संपादक कस्तूरी रंजन स्वयं ज्योतिष जानते थे और इस पर विश्वास करते थे और भविष्यवाणी
Enigmas in AstrologyAuthor: KN RaoPublisher: Vani Publications In "Enigmas in Astrology," KN Rao explores the more mysterious and lesser-understood aspects of astrology. The book delves into the complex and enigmatic...
Astrological Journey Through History Mystery & Horoscopes [English] By KN Rao Publisher: Vani Publications This book has been in demand for many years now, after it's first publication in 1996. The...