अतिप्राचीन मान्यतानुसार भगवान शिव द्वारा उपदिष्ट एवं कालान्तर में गोरक्षनाथ द्वारा प्रवर्तित शाबरमन्त्र भाषा एवं व्याकरण की दृष्टि से सर्वथा अशुद्ध होते हुये भी आर्यावर्त के ग्राम्यांचलों...
कुण्डलिनी साधना प्रसंग में बहुत सारे प्रसंगों का वर्णन एवं अलौकिक चमत्कारपूर्ण घटनाओं का भी उल्लेख है। जिसे पारलौकिक जगत भी कह सकते हैं। विश्व जगत में तीन मुख्य जगत...
कुण्डलिनी-शक्ति उस आदिशक्ति का व्यष्टि रूप है, जो समष्टि रूप में सम्पूर्ण विश्व-ब्रह्माण्ड में चैतन्य और क्रियाशील है । जहाँ तक कुण्डलिनी-शक्ति की प्रसुप्तावस्था की बात है, तो उसके सम्बन्ध...
यह जगत स्वयं अपने आप में प्राकृतिक घटना है और हमारा जीवन उस घटना का विस्तार है। उस विस्तार में कभी-कभी ऐसी घटनाएं घटती हैं जो अपने आप में अविश्वसनीय...
Kalitantram Rudrachanditantram - Hindi Author- SN Khandelwal
कालीतन्त्रम् दशमहाविधानतगर्त भगवती काली की आराधना का एक प्रमाणिक ग्रन्थ है i कलि में काली तथा विनायक को ही तांत्रिक दृष्टि से विशेष फलदायक माना गया है i अखण्ड काल से उन्मिषित कलनात्मिका शक्ति ही काली है i अतएव काल के अन्तर्गत काल के शासन में रहने वाले सचेतन वर्ग मात्र पर भगवती काली का अधिपत्य है i इस दृष्टि से कालितन्त्र में भगवती की यथार्थ उपासना का रूप प्रस्तुत किया गया है i