Manchahi Safalta Kaise Paayen प्रस्तुत पुस्तक में पूँजीपतियों, उद्यमियों, बादशाहों और उद्योग जगत् के सिरमौर उद्योगपतियों की सफलताओं के बारे में बताया गया हैएंड्रयू कारनेगी, एलेक्जेंडर ग्राहम बेल, हेनरी फोर्ड, पी.टी....
Heal Your Mind - Hindi ध्यान (मेडिटेशन) और योग मानसिक शांति प्राप्त करने के सबसे प्रभावी साधन हैं। ये आपके मन को शांत करते हैं और नकारात्मक विचारों से मुक्ति...
Jeet ka Jadu" by Ratneshwar K Singh is a Hindi motivational book that focuses on the principles of success and achieving goals. The author, Ratneshwar K Singh, shares insights, strategies,...
मालविका अय्यर ने तेरह वर्ष की उम्र में आयुध फैक्टरी में हुए भीषण विस्फोट में अपने दोनों हाथ खो दिए। दोनों पैरों में भी गंभीर चोटें आईं। इसके बाद 18 महीने अस्पताल में रही और चरणबद्ध ऑपरेशनों का दर्द झेला। इतने बड़े हादसे के बाद तो कोई भी हिल जाए, लेकिन मालविका ने हिम्मत नहीं हारी। मात्र चार महीने की पढ़ाई से मालविका दसवीं में 97 प्रतिशत अंक लाने में सफल रही। गणित और विज्ञान में सौ में से सौ और हिंदी में 97 अंक लाकर पूरे तमिलनाडु राज्य में टॉप किया। यही नहीं, बारहवीं कक्षा में 95 प्रतिशत
चाणक्य नीति
विष्णुगुप्त चाणक्य एक असाधारण बालक थे I उनके पिता चणक एक शिक्षक थे I वह भी शिक्षक बनना चाहते थे I उन्होंने तक्षशिला विश्ववविधालय में राजनीति और अर्थशास्त्र की शिक्षा ग्रहण की I इसके पूर्व वेद, पुराण इत्यादि वैदिक साहित्य का उन्होंने किशोर वय में ही अध्ययन कर लिया था I
उनकी कुशाग्र बुद्धि और तार्किकतां से उसके साथी तथा शिक्षक भी प्रभावित थे ; इसी कारण उन्हें ' कौटिल्य ' भी कहा जाने लगा I अध्ययन पूरा करने के बाद तक्षशिला विश्ववविधालय में ही चाणक्य अध्यापन करने लगे I इसी दौर में उत्तर भारत पर अनेक विदेशी आक्रमणकारियों की गिद्ध दृष्टि पड़ी, जिनमे सेल्यूकस, सिकंदर आदि प्रमुख है Iपरन्तु चाणक्य भारतवर्ष को एकीकृत देखना चाहते थे I अत: उन्होंने तक्षशिला में अध्यापन-कार्य छोड़ दिया और राष्ट्र सेवा का व्रत लेकर पाटलिपुत्र आ गए I
चाणक्य का जीवन कठोर धरातल पर अनेक विसगतियों से जूझता हुआ आगे बढ़ा I कुछ लोग सोच सकते है कि उनका जीवन -दर्शन प्रतिशोध लेने की प्रेरणा देता है; लेकिन चाणक्य का प्रतिशोध निजी प्रतिशोध न होकर सार्वजनिक प्रतिशोध था I उन्होंने जनता के दुःख: दर्द को देखा और स्वय भोगा था I उसी का फरियाद लेकर राजा से मिले थे
कुछ लोग धन कमाने का आसान सा रास्ता पाना चाहते है , ऐसा की कुछ भी न करना पड़े ई और ऐसा लगभग सभी चाहते है I परन्तु ऐसा कोई फार्मूला नहीं है कि कुछ भी किए बिना काफी कुछ हाथ लग जाए , लेकिन एक रास्ते से धन कमाने का गुण हासिल होना निशिचत है और यह मास्टर चाबी से मिल सकता है यह मास्टर चाबी ऐसा अमोघ यन्त्र है, जिसे धारण करनेवाला इससे सभी समस्याओं के समाधान का दरवाजा खोल सकता है, इसकी जादुई ताकत का अंदाजा इसे हासिल करने पर ही लग...