Upaya Bhagyodaya - Textbook on Remedial Astrology [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications उयाय भाग्योदय में ग्रहों के विविध कुप्रभावों की पहचान बताकर, उन्हें दूर करने कै,स्वयं...
संकट कटे मिटे सब पीरा Author- SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) शातातप, गर्ग, पराशर, याग्यवल्य आदि के द्वारा प्रकट किए गए तथा प्राचीन संस्कृत वांग्मय से खास आपके लिए चुन...
Ganit Jyotishan Khel - Khel Mein [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications विधार्थियो को सबसे अधिक संशय और परिश्रम गणितखंड को समझने और उस प्रयोग में होता...
Vivah Aah Ya Wah - Matrimony: Lament Or Joy [Hindi] By SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications मतभेद, मनभेद, अलगाव और तलाक जैसी स्थितियां जब अधिक व्यापक रूप में...
इस विषय पर अपने तरह की पहली पुस्तक में आप पाएंगे: निर्बल तिथि का उपाय, तिथि और हमारा व्यक्तित्व नवांश की तरह तिथियों में तिथि अंश जानना और फल, जन्मदिन की साठ घड़ियों...
All Important Yogas in Vedic Astrology [English] by Suresh Chandra Mishra Publisher: Pranav Publications The All-Important Yogas in Vedic Jyotisha is meant for proper analysis, constitution and fixation of effects of the...
Prashna Sandarshanam [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications मन में उठने वाले न जाने कैसे -कैसे प्रश्न कभी संशय और दुविधा की उमड़ घुमड़ मचाते है तो...
Jyotish Gehre Paani Paith [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications ज्योतिष गहरे पानी पैठ की लेखन सूचि इस प्रकार है - १. जीवेम शरद: शतम ( उम्र...
Samvatsar Sanhita (A Textbook on Mundane Astrology) [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications सोलह अध्यायों में मेदिनीय ज्योतिष के नियमों का खुलासा आसान ज्ञाब्दों में कुछ इस तरह...
Parashar Uvaach [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications शताध्यायी बृहत्पाराशरी के विशाल और व्यापक कलेवर से चुन चुन कर ऐसे खास और दैनिक व्यवहारोपयोगी पाराशरी नियमो का...
Kismat ke Anmol Ratan - Upaya Jyotish Shrankhla [Hindi] by
SC Mishra (Suresh Chandra Mishra)
Publisher: Pranav Publications
अथर्ववेद में बताये गए उपयोगी रत्नों नगो और नगीनो को धारण करने से सोया भाग्य जगता है , ऐसा वेद वचन है I कौन सा रत्न पहने ? किस हाथ में कौन सी अंगुली में पहने ? हाथ के अलावा कहा पहने ? रत्न पहनने से क्या लाभ होगा ? इत्यादि प्रश्नों का वेदोक्त समाधान प्रस्तुत करने वाले इस ग्रन्थ में खास तौर पर आपके लिए मधुकरवृति से चुन चुनकर इन बिन्दुओ पर सरल व् सुबोध शैली से विचार किया गया है :-
1.अपना भाग्यशाली रत्न खुद चुन सकने के सुबोध तरीके
२. नो ग्रहो के रत्नों में से कौन से रत्न शुभ व् लाभ देने वाले है
३ .वर्गों और नगीनो के अतिरिक्त वनस्पति रत्नों का अर्थववेदीय विवेचन
४. जन्मपत्री की गहरी पड़ताल किए बिना ही केवल अपने लग्न या राशि के आधार पर अनुकूल रत्नों का निश्चय
५. राशि के आधार पर व्यक्ति के मूल भुत गुणों और विशेषताओ की खिलावट
६. जन्म समय में ग्रह किस भाव में स्थित है, इस आधार पर रत्न पहनने के शुभ अशुभ फलो का खुलासा