घर के मसालदान द्वारा रोगों से बचाने वाली अनमोल पुस्तक प्रत्येक घर की बडी-बूढियों में दादी मां का स्थान एवं उनका अनुभव सनोंपरि होता है । उन्होंने अपने पूर्वजों द्वारा भी बहुत-कुछ ज्ञान प्राप्त किया होता है । उन्हें बीमारियों को दूर करने के लिए पीढी~दर-पीढ़ी चले आ रहे सरल और गुणकारी घरैलू नुस्खों की पर्याप्त जानकारी होती है । इन्हीं नुस्खों को पनाकरवे घर की बहू-बेटियों, पोते - पोतियों आदि के अनेक रोगों का उपचार सहज तरीके से करने में सफल होती थीं । लेकिन आधुनिक युग में अंग्रेजी चिकित्सा का बोलबाला है । लोग अनेक परेशानियों को झेलने के बावजूद यही चिकित्सा प्रणाली अपनाते हैं । मगर बढती महंगाई को देखते हुए छोटी-मोटी बीमारियों के लिए वैद्यो और डॉक्टरों से चिक्रित्सा कराना किसी भी
दृष्टि से उचित नहीं है । फिर उसमें काफी समय भी बरबाद हो जाता है । रोग को पीड़ा भी बढ़ सकती है । इन सभी दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए प्रस्तुत पुस्तक का अवलोकन करें । यह आपके मामूली रोग ही नहीं, जटिल रोगी का भी शमन करने में सक्षम है । इस पुस्तक में संगृहीत नुस्खे घर के मसालदान , पंसारी की दूकान तथा आसपास उपलब्ध होने जाले पेड़ - पौधों द्वारा तैयार हो जाते हैं । ये न तो अंग्रेजी दवाओं को तरह महगे हैं और न ही किसी प्रकार को हानि पहुंचाने बाले । इन नुस्खों को बनाने में भी बहुत कम समय लगता है