सम्पूर्ण सृष्टि-चक्र आकाशमंडल के ग्रह नक्षत्रों के संकेतों द्वारा संचालित होता है। किसी भी प्राणी की कुंडली इन्हीं ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और गति द्वारा निर्धारित की जाती है। किसी प्राणी की कुंडली के भाव, राशि और ग्रह-नक्षत्रों का समग्र ज्ञान ही ज्योतिष का मूल विषय है।
प्रस्तुत पुस्तक “ज्योतिष सीखिए' में ख्याति प्राप्त विद्वान आचार्य पंडित शशिमोहन बहल ने ज्योतिष के लगभग सभी आवश्यक प्रकरणों को अत्यंत ही सरल और सुबोध शैली में प्रस्तुत किया है।
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता 'कीरो' ने अपनी भारतया त्रा के दौरान यहां उपलब्ध वेद, उपनिषद् और अन्य प्राप्य सामग्री का गहन अध्ययन करने के पश्चात अपनी बेमिसाल कृत्ति 'लेंग्वेज ऑफ द हैंड” की रचना की, जो दुनिया में बेहद सराही गई और युगों-युगों तक सराही जाती रहेगी। हजारों ज्योतिषियों ने उनके ज्ञान की प्रशंसा की है और उनका अनुसरण किया है।
प्रस्तुत पुस्तक में कीरो ने हाथों की बनावट , हाथ की रेखाओं और चिन्हों इत्यादि के आधार पर विस्तृत भविष्यवाणियां की हैं जो तकरीबन पूर्ण रूप से सत्यसाबित होती जा रही हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में प्रसिद्ध लेखक व ज्योतिषाचार्य डॉ. राधेश्याम मिश्र “परमहंस' ने सफलता के शिखर तक पहुंची विश्वप्रसिद्ध महिलाओं की शिक्षा, व्यवसाय, राजयोग, वित्तीय स्थिति एवं साधन सम्पन्तता आदि का कुंडलियों...