Smaran Shakti Awam Budhimatta Badhaiye [Hindi]Author: Bhojraj Dwivedi | Publisher: Ranjan Publications Enhance your memory and intelligence with "Smaran Shakti Awam Budhimatta Badhaiye", a transformative Hindi book by renowned author...
शुक्र नीति शुक्राचार्य रचित 'शुक्रनीति ' नीति का सुपाठ पढ़ाती है, इसे जो पढता है वो अच्छा शासक एवं सुनेतृत्व के बल पर शीर्ष पर अवश्य पहुँचता है l यदि...
विदुरनीति और जीवन चरित्र महाभारत के उधोगपर्व में वर्णित विदुर नीति का खण्ड एक उपयोगी, धर्मक्षेत्र में विजयश्री दिलाने वाला तथा जीवन को सुखमय बनाकर कल्याण की ओर ले जाने...
सम्पूर्ण चाणक्य नीति Author- Vishwamitra Sharma मैं अनेक शास्त्रों से एकत्रित किए गए राजनीति सम्बन्धी ज्ञान का वर्णन करूँगा l श्रेष्ट पुरुष इस शास्त्र का विधिपूर्वक अध्ययन करके यह बात...
सम्पूर्ण चाणक्य निति . मुर्ख व्यक्ति वस्तुत: दो पैरो वाला पशु ही होता है l कारण कि वह अपने आचार -व्यवहार, वाणी द्वारा अन्य लोगो को वैसे ही पीड़ा पहुँचता...
चाणक्य नीति Author- Chanakya
विष्णुगुप्त चाणक्य एक असाधारण बालक थे I उनके पिता चणक एक शिक्षक थे I वह भी शिक्षक बनना चाहते थे I उन्होंने तक्षशिला विश्ववविधालय में राजनीति और अर्थशास्त्र की शिक्षा ग्रहण की I इसके पूर्व वेद, पुराण इत्यादि वैदिक साहित्य का उन्होंने किशोर वय में ही अध्ययन कर लिया था I
उनकी कुशाग्र बुद्धि और तार्किकतां से उसके साथी तथा शिक्षक भी प्रभावित थे ; इसी कारण उन्हें ' कौटिल्य ' भी कहा जाने लगा I अध्ययन पूरा करने के बाद तक्षशिला विश्ववविधालय में ही चाणक्य अध्यापन करने लगे I इसी दौर में उत्तर भारत पर अनेक विदेशी आक्रमणकारियों की गिद्ध दृष्टि पड़ी, जिनमे सेल्यूकस, सिकंदर आदि प्रमुख है Iपरन्तु चाणक्य भारतवर्ष को एकीकृत देखना चाहते थे I अत: उन्होंने तक्षशिला में अध्यापन-कार्य छोड़ दिया और राष्ट्र सेवा का व्रत लेकर पाटलिपुत्र आ गए I
चाणक्य का जीवन कठोर धरातल पर अनेक विसगतियों से जूझता हुआ आगे बढ़ा I कुछ लोग सोच सकते है कि उनका जीवन -दर्शन प्रतिशोध लेने की प्रेरणा देता है; लेकिन चाणक्य का प्रतिशोध निजी प्रतिशोध न होकर सार्वजनिक प्रतिशोध था I उन्होंने जनता के दुःख: दर्द को देखा और स्वय भोगा था I उसी का फरियाद लेकर राजा से मिले थे