सम्पूर्ण चाणक्य निति . मुर्ख व्यक्ति वस्तुत: दो पैरो वाला पशु ही होता है l कारण कि वह अपने आचार -व्यवहार, वाणी द्वारा अन्य लोगो को वैसे ही पीड़ा पहुँचता...
मल्टीलेवल मार्केटिंग Author- Jainas Shajna
यदि आप अपनी आमदनी बढ़ाने के अवसर तलाश रहे है तो यह पुस्तक आप ही के लिए है
यह पुस्तक नए जमाने के व्यवसाय के बारे में है I इसे पढ़कर आपको पता चलेगा कि एक उपभोक्ता के रूप में आप आधुनिक उधोग के लिए कितने महत्वपूर्ण है और इस तथ्य का लाभ उठाने के लिए आपको क्या करना चाहिए I दरअसल जब आप बाजार से खरीदारी करते है तो उस व्यवसाय का एक हिस्सा बन जाते है, वह भी बिना सोचे -समझे, बिलकुल स्वचालित ढंग से I और यदि ऐसा ही है तो आप अपने उपभोग से होने वाली आमदनी में हिस्सा क्यों न ले ?लेखक जैनस शाजना अपनी रोचक शैली में अनेक उदाहरण देकर यह सिद्ध कर देते है कि इस हिस्सेदारी को सुनिशिचत करने का सर्वश्रेष्ठ ओज़ार है मल्टीलेवल मार्केटिंग !
Mary Kom ki Jeevangatha [Hindi] by Anita Gaur 📖 Publisher: Prabhat Prakashan🔍 Language: Hindi🔮 Category: Biography | Sports Mary Kom ki Jeevangatha by Anita Gaur is an inspiring biography of...
HERO (THE SECRET) Author- Rhonda Byrne
कल्पना करे कि एक नक्शा है, जो आपको दिखाता है कि आप जहा है, वहाँ से आप कैसे उस जगमगाते, समृद्ध, संतुष्टिदायक और भव्य जीवन तक पहुच सकते है, जिसके आप कभी सपने देखते थे I कल्पना करे कि यह नक्शा आपको उस जीवन तक पहुँचने की यात्रा का हर कदम दिखाता है I यह दिखाता है कि बाधाओ के पार रास्ता कैसे खोजे, चुनोतियो से कैसे उबरे, विपरीत संभावनाओ की अवहेलना कैसे करे और आपमें छुपी उस शक्तिशाली योग्यता और गुणों को कैसे पहचाने, जिनकी जरूरत आपको अपनी यात्रा में विजय पाने के लिए है I
आप अपने हाथो में एक ऐसा ही नक्शा थामे हुए है I यह आपके जीवन का नक्शा है - यह महानता तक पहुचने का नक्शा है I
आज के संसार के बारह सबसे सफल लोग इस नक़्शे पर चले है I वे अपनी असंभव दिखने वाली यात्राओ के बारे में बता रहे है और यह दिखा रहे है कि आप हर उस चीज के साथ पैदा हुए थे, जिसकी जरुरत आपको अपना सबसे महान सपना पूरा करने के लिए है - और ऐसा करके आप अपना मिशन पूरा कर लेगे तथा सचमुच संसार को बदल देगे I
इसलिए यहाँ आप इस पृथ्वी पर आए है I
चाणक्य नीति Author- Chanakya
विष्णुगुप्त चाणक्य एक असाधारण बालक थे I उनके पिता चणक एक शिक्षक थे I वह भी शिक्षक बनना चाहते थे I उन्होंने तक्षशिला विश्ववविधालय में राजनीति और अर्थशास्त्र की शिक्षा ग्रहण की I इसके पूर्व वेद, पुराण इत्यादि वैदिक साहित्य का उन्होंने किशोर वय में ही अध्ययन कर लिया था I
उनकी कुशाग्र बुद्धि और तार्किकतां से उसके साथी तथा शिक्षक भी प्रभावित थे ; इसी कारण उन्हें ' कौटिल्य ' भी कहा जाने लगा I अध्ययन पूरा करने के बाद तक्षशिला विश्ववविधालय में ही चाणक्य अध्यापन करने लगे I इसी दौर में उत्तर भारत पर अनेक विदेशी आक्रमणकारियों की गिद्ध दृष्टि पड़ी, जिनमे सेल्यूकस, सिकंदर आदि प्रमुख है Iपरन्तु चाणक्य भारतवर्ष को एकीकृत देखना चाहते थे I अत: उन्होंने तक्षशिला में अध्यापन-कार्य छोड़ दिया और राष्ट्र सेवा का व्रत लेकर पाटलिपुत्र आ गए I
चाणक्य का जीवन कठोर धरातल पर अनेक विसगतियों से जूझता हुआ आगे बढ़ा I कुछ लोग सोच सकते है कि उनका जीवन -दर्शन प्रतिशोध लेने की प्रेरणा देता है; लेकिन चाणक्य का प्रतिशोध निजी प्रतिशोध न होकर सार्वजनिक प्रतिशोध था I उन्होंने जनता के दुःख: दर्द को देखा और स्वय भोगा था I उसी का फरियाद लेकर राजा से मिले थे