इस पुस्तक के प्रकाशन का मुख्य ध्येय यही रहा है कि ज्योतिष के विद्यार्थी ग्रह, और भाव बल का ठीक-ठीक हिसाब लगा सकें जो शुद्ध ढंग से जन्मकुंडली की व्याख्या...
“व्यापारे वसति लक्ष्मी:” .. यह बात निर्विवाद सिद्ध है कि जेसे मनुष्य व्यापार से शीत्र धनाडय हो सकता है वैसे नौकरी, कृषि. आदि अन्य कर्मों से नहीं । एतंदर्थ शास्त्रकारों...
प्रस्तुत ग्रन्थ में ग्रहों का मानव जीवन पर प्रभाव, ग्रहों के प्रभाव को जानने के साधन, ज्योतिष एवं कर्मवाद, ज्योतिष एवं आयुर्वेद, रोगोत्पति के कारण एवं ज्योतिष शास्त्र में रोग विचार की...
होराशास्त्र से सम्बन्धित यह ग्रन्थ ज्योगषशास्त्र के मुख्य-मुख्य आचार्यों के मतों को लेकर लिखा गया है। 1122 पृष्ठों के इस बृहदाकार ग्रन्थ में ज्योतिष के सभी विषय सरल रीति से समझाये...
विंशोत्तरी दशा के नाम से प्रख्यात पद्धति का भारतीय ज्योतिष में ऊँचा स्थान है। पराशर की इस पद्धति का उपयोग भारतीय ज्योतिषवेत्ता फल-प्रतिपादन के लिए प्राचीन काल से करते आ...