शाबर सिद्ध मन्त्र शाबर सिद्ध मंत्रो की विशेषता यह है कि ये मात्रा, लय, व्याकरण, छन्द, अर्थबोध और क्रम से बिलकुल अलग है l ये निरर्थक शब्दों के समूह मात्र...
रसरत्नाकर 'रसेन्द्र खण्ड - मंत्र खण्ड ' रसरत्नाकर ' ग्रन्थ श्री नित्यनाथ सिद्ध विरचित एक महान ग्रन्थ है जो समुद्र की भांति विशाल और गंभीर है l बारहवीं शताब्दी का यह...
चमत्कारी मंत्र साधना ॐकार के उच्चारण से निकलने वाली तरंगो से उत्पन्न शक्ति का वर्णन करते हुए लिखा है कि यदि 'ॐ' का उच्चारण विधि पूर्वक किया जाये तो उससे...
Anubhut Yantra Mantra Tantra Aur Totke (Hindi) by Bhojraj Dwivedi Publisher: Diamond Books अनुभूत यन्त्र - मन्त्र - तन्त्र और टोटके विश्व में जितनी भी मानव सभ्यताए है वे किसी -न...
शाबर मंत्र प्राचीन लोकमान्यता के अनुसार 'शबर ऋषि ' द्वारा प्रणीत सभी मन्त्र 'शाबर मन्त्र' कहलाते है I शबर ऋषि किस काल में हुए ? शाबर मंत्रो का प्रचलन कब...
भगवान भैरवदेव को रूद्र रूप माना जाता है i यह तत्काल सिद्धिपत्र है i जहां अन्य देवता दीर्घकाल की साधना के बाद कदाचित ही प्रस्नन होते है, वही भैरवदेव तुरंत फल देते है i ये इतने कृपालु एवं भक्त -वत्सल है की सामान्य -स्मरण एवं स्तुति से ही प्रसन्न होकर भक्त के संकटो का निवारण कर देते है i वेदो में रूद्र की जो भय - हरण कारी स्तुति की गई है और उपनिषदों में भयावह स्वरूपधारी होने से जिसके भय से इंद्रादि देवो के द्वारा अपने - अपने कर्म को करने का जो वर्णन हुआ है, वह भगवान् भैरवदेव की ही महिमा है i इतना ही नहीं, भैरव ही ब्रह्मा और विष्णु भी है i
विश्व में भैरवदेव की साधना सात्विक और तामस दोनों प्रकार से की जाती है i अपने श्रद्धावान साधक पर तो ये इतने प्रसन्न होते है की एक तरह से वह उसके वश में ही हो जाते है i यही सिद्धि की अवस्था है i बड़े -बड़े देवताओ और असुरो ने अलौकिक शक्तियां इनकी सिद्धि करके ही प्राप्त की थी i आप भी इनकी साधना -आराधना करके अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करे i