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बगलामुखी
तंत्र साधना एवं सिद्धि उपासना और अनुष्ठान की शास्त्र सम्मत प्रमाणिक जानकारी
कथा आती है कि सती को जब यह पता चला कि उनके पिता दक्ष ने यज्ञ में शिव और उन्हें नहीं बुलाया है, तो वे क्रोधित ही उठी । उनके विकराल रूप को देखकर शिव भयभीत हो गए। वे भागे । लेकिन मती दशों दिशाओं में खडी हो गई । शिव ने जब उनसे पूछा कि वे कौन हैं , तो उन्होंने दस नामो से अपना परिचय दिया, जो दस महाविद्याओं के रूप में जग प्रसिद्ध हुई । इन्हीं में से एक हैं बगलामुखी ।
एक अन्य कथा के अनुसार, कृत चुग में संपूर्ण जगत का विनाश करने वाला एक भयंकर तूफान उत्पन्न हुआ । उसे देखकर जगत् की रक्षा में नियुक्त भगवान विष्णु चिंतित हो उठे । उन्होंने सौराष्ट्र देश में हरिद्रा नामक सरोवर के समीप तपस्या कर श्री महात्रिपुर सुंदरी को प्रसन्न किया । श्रीविद्या ने ही बगला रूप में प्रकट होकर उस भयंकर तूफान का विनाश रोका । त्रैलोक्य स्तंभिनी ब्रह्मास्त्र रूपा श्रीविद्या की वैष्णव तेज से युक्त मंगलवार चतुर्दशी की मकार कुल नक्षत्रों वाली रात्रि "वीर रात्रि" कहलाती है । इसी रात्रि में अर्द्धरात्रि के समय भगवती श्री बगलामुखी देवी का अविर्भाव हुआ था, ऐसी मान्यता है ।
तंत्रशास्त्र में बगलामुखी देवी को विशेष महत्व दिया गया है । दश महाबिद्याओँ में भी यह देवी अपना विशिष्ट स्थान रखती है। देवी बगलामुखी का प्रभाव विशेषरूप से शत्रु - दमन के कार्य में दृष्टिगत होता है । वाद-विवाद, प्रतिरोध, मुकदमा, शत्रुकृत -उपद्रव, तांत्रिक षट्कर्म एवं अभिचार - कृत्य जैसी समस्याओं के निराकरण में बगलामुखी तंत्र की सफलता असंदिग्ध रहती है । समस्त कामनाओं की पूर्ती करने वाली है यह देवी ।
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |