Pancha Pakshi Shastra Ke Rahasya - Hin पंच्चपक्षी तमिल संतो एवं महर्षियो की ऐसी अलौकिक देन है जिसे दिनानुदिन जीवन के हर क्षेत्र में अपनाकर एक सफल एवं सुखी जीवन...
मनुष्य की नित अन्वेषण की प्रवृत्ति तथा अपने आसन्न भविष्य के विषय में जानने की उत्कण्ठा ने प्राचीन सभ्यता काल से ही विविध आयामी दैवीय पद्धतियों का सृजन एवं प्रसार का मार्ग प्रशस्त किया है। टैरो कार्ड वर्तमान परिदृश्य में अत्यंत लोकप्रिय हैं तथा समस्त विश्व में इसकी सहायता से सटीक भविष्यवाणियां की जा रही हैं। टैरो कार्ड की भविष्यवाणियों के सच होने के पीछे टैरो रीडर का कार्ड के साथ-साथ अध्यात्म से भी सामंजस्य स्थापित करना है। इसकी सटीक भविष्यवाणी तभी संभव है जब टैरो रीडर साधना एवं अध्यात्म की ओर प्रवृत्त होकर अपने मन को पूर्ण शान्त करे तथा उसमें पूर्वाभास की क्षमता विकसित हो। कई समाचार पत्र इसी पद्धति के आधार पर भविष्यवाणियाँ छापने लगे हैं। आजकल हर महत्त्वपूर्ण घटना तथा कोई बड़ा क्रिकेट मैच, टैनिस मैच, चुनाव इत्यादि के पूर्व हर टीवी चैनल एक टैरो कार्ड रीडिंग-सत्र का आयोजन करता है जिसके द्वारा घटना का संभावित परिणाम घोषित किया जाता है। कई भविष्यवाणियां आश्चर्यजनक रूप से सही
साबित हुई हैं।
टैरो कार्ड अपने आप में असाधारण हैं किंतु यदि आप उनसे तारतम्य स्थापित नहीं कर पाते तो वे साधारण रह जाएंगे। 22 मेजर अरकाना तथा 56 माइनर अरकाना मिलकर 78 कार्डों का यह समूह आपका विश्वस्त सलाहकार व साथी बन जाता है। यह आत्मिक शक्ति तथा आकाशीय वातावरण में तरंगित हो रही परम ऊर्जा के बीच संवाद की स्थिति होती है। आप सकारात्मक ऊर्जा ग्रहण करते हैं, कार्ड तया आप दोनों इस ऊर्जा से निर्मल होते हैं तथा प्रकृति को संचालित करने वाली सर्वोच्च शक्ति से जुड़ते हैं जिसे <
बृहत् अंक संहिता भाग -1 बृहत् अंक संहिता को ९ अध्यायों में विभाजित किया गया है l पहला अध्याय अंक ज्योतिष के पृष्टभूमि को समझने के लिए समर्पित है जिसमे...
आधुनिक काल में वास्तु की शाखाएं वैश्विक स्तर पर उदित हुई हैं। अब अधिकांश लोग अपने स्थान को वास्तु विशेषज्ञ को दिखाने में रुचि रखते हैं ताकि वे अपने घर, भवन अथवा...
प्रारंभिक फलित ज्योतिष प्रत्येक जन्मकुंडली के ग्रह जातक के जीवन पर दो प्रकार के प्रभाव डालते है I उनमे से एक होता है स्थायी तथा दूसरा सामयिक I जन्मकालिक ग्रहो...
सृष्टि के समुदाय के उपरांत मानव समुदाय में महत्वकांक्षा जागृत हुई जिसके परिणामस्वरूप लोगो में आगामी जीवन के विषय में जानने कि इच्छा बलवंत हुई i इसी उत्कंठा के शमन के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के फलस्वरूप की पद्धितियों का विकास हर सभ्यता में हुआ I विकास के क्रम में ही खगोल के सिद्धांत विकसित होते गए जिसे निशिचत रूप से भौतिकशास्त्र एवं गणित से भी महती सहायता प्राप्त हुई I वर्तमान में प्रचलित ज्योतिष शास्त्र का प्रमुख आधार ही खगोलीय एवं गणितीय गणनाएं है I जन्म समय की खगोलीय स्थिति के आधार पर ही गणितीय गन्ना कर किसी जातक की जन्मकुंडली का निर्माण होता है I
इस पुस्तक में ज्योतिषीय खगोल एवं गणित के हर सूक्ष्म एवं विशद सिद्धांत समाविष्ट है जिनका विवेचन सरल रूप में उदारहण के साथ स्प्ष्ट किया गया है I
बृहत् अंक संहिता भाग -2 इस सम्पूर्ण पुस्तक को १७ अध्यायों में विभाजित किया गया है l पहला अध्याय चायनीज अंक ज्योतिष को विशिष्ट प्रणाली लोशु ग्रिड की पृष्ठभूमि एवं...
व्यावहारिक अंक ज्योतिष अंक ज्योतिष में गणित के नियमो का व्यावहारिक उपयोग करके मनुष्य के अस्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर नजर डाली जा सकती है l व्यक्ति के जन्म के...