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कृष्णमूर्ति ज्योतिष पद्धति पर आधारित फलित ज्योतिष रहस्य
कृष्णमूर्ति ज्योतिष पद्धति में भाव के निर्देशक का बहुत महत्व है i नीचे दर्शाये गये अनुक्रम के अनुसार निर्देशक बलवान होते है :-
१. भाव में रहे हुए ग्रह के नक्षत्र में रहा हुआ ग्रह l
२. भाव में रहा हुआ ग्रह l
३. भाव के स्वामी ग्रह के नक्षत्र में रहा हुआ ग्रह l
४. भाव का स्वामी l
५. निर्देशक ग्रह की पूर्ति या दृष्टि l
क्रमांक १ का ग्रह सबसे अधिक बलवान होता है और क्रमांक ५ का ग्रह सबसे कमजोड़ होता है l
ज्योतिषशास्त्र के फलादेश में दो बाते मुख्य है -
१. भाव सम्बंधित फल मिलेगा या नहीं, जैसे - शादी के लिए सातवा स्थान देखा जाता है, तो सातवें स्थान का फल मिलेगा या नहीं l
२. फल कब मिलेगा, उसका समय l शादी कब होगी ?
भाव का फल - कुंडली के कोई खास भाव का फल मिलेगा या नहीं वह भाव कस्प के उपपत्ति से जान सकते है l
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |