NADI JYOTISH SHASTRA ज्योतिष शास्त्र की ही एक प्राचीन विधा है - - नाड़ी ज्योतिष I यह दक्षिण भारत में विशेष रूप से प्रचलित है I दक्षिण भारत में अनेक नाड़ी ग्रन्थ लिखे गए, जो मानव जीवन की रहस्यमय घटनाओ का उदघाटन करते है I ये नाड़ी ग्रन्थ ग्रह - स्थिति पर आधारित होने के बावजूद फलादेश प्रधान है I जन्मकुण्डली का विश्लेषण सूक्ष्मता से करने में नाड़ी ग्रन्थ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है I प्रस्तुत पुस्तक 'नाड़ी ज्योतिष शास्त्र ' चंद्र नाड़ी या...
आधुनिक परिवेश में मानव मानसिक और भौतिक समस्याओं से इस प्रकार घिर गया है कि उसे अपने चारों ओर गहनतम अंधकार ही दिखाई देता है। इस अंधकार में “ज्योतिष” प्रकाश की एक किरण के समान उसके सामने आती है और मानव ज्योतिष के द्वारा अपनी राशि, ग्रह-नक्षत्र और उनके योग में अपनी समस्या का समाधान ढूंढ़ने लगता है। समाधान उसेमिल भी जाता है-यहीं से उसे प्रेरणा मिलती है--“ज्योतिष कैसे सीखें" ।
प्रस्तुत पुस्तक पं. केवल आनंद जोशी द्वारा लिखित इसी प्रेरणा का साकार रूप है।
ग्रहों के अच्छे-बुरे संचार से ही मानव जीवन में विभिन्न परिवर्तन आते हैं, नक्षत्र ही मनुष्य के अच्छे-बुरे दिनों के लिए उत्तरदायी होते हैं। प्रत्येक मनुष्य सुख-समृद्धि आदि के लिए...