ब्रह्मसूत्र -वेदान्त दर्शन भगवान् श्री वेदव्यास ने इस ग्रन्थ में परब्रह्म के स्वरूप का सांगोपांग निरूपण किया है, इसलिए इसका नाम ब्रह्मसूत्र है तथा वेद के सर्वोपरि सिद्धान्तों का निदर्शन कराने...
श्री स्वरोदय श्री कल्पादि जैनागमों में अष्टांग निमित्त में 'स्वर' को एक प्रधान अंग माना गया है l हठयोग प्राणायाम से सिद्ध होता है और प्राणायाम स्वरोदय साधना के बिना...
Rudrashtadhyayi एक महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ है जो शिव-उपासकों द्वारा पूजा के दौरान पढ़ा जाता है। यह यजुर्वेद के तैत्तिरीय संहिता का एक भाग है और इसमें रुद्र (भगवान शिव) की...