प्रस्तुत पुस्तक उस महान व्यक्ति की जीवन यात्रा के अनदेखे पहलूओं को आधार बनाकर लिखी गई है , जिससे प्रत्येक भारतीय अवगत होना चाहता है l "धीरज लाल हीराचंद अम्बानी " नाम की अनूठी शख्शियत को धीरूभाई अम्बानी के नाम से आज सम्पूर्ण विश्व जानता है l वह शक्श जन्म से महान बनकर पैदा नहीं हुआ था , लेकिन वह महान बनने के लिए अवश्य ही पैदा हुआ था l एक साधारण शिक्षक के घर में जन्म लेने वाले उस शिशु ने अपने जीते जी एक ऐसा इतिहास रच दिया , जिसका अतीत में तो कोई सांई नहीं है और न ही भविष्य में होने की सम्भावना है l अपनी अदम्य इच्छाशक्ति की ऊर्जा का दोहन करके धीरूभाई अम्बानी ने जो आर्थिक साम्रज्य खड़ा किया है, वह किसी महामानव के ही बूते की बात थी l कुछ लोग जन्म से महान होते हैं ( महान परिवार में जन्म लेने के कारन ), कुछ पर महानता लाद दी जाती है , लेकिन वस्तुतः महान वही होते हैं जो महान बनते हैं l
सत्रह वर्षीया किशोर , जो एक कर्मचारी के बतौर अदन शैल कंपनी में नौकरी कर रहा था, ने स्वदेश वापसी के पश्चात् छोटी सी पूँजी से अपना व्यापार आरम्भ किया और रिलायंस के विशाल सामाज्य का मालिक बन गया l फ़ोर्ब्स के अरबपतियों की सूची में उसका नाम दर्ज हो गया l लेकिन धीरूभाई अम्बानी में सहृदय मानव भी सांस लेता था l इस कारन वह अपने जीवन में सभी परिचितों का दुलारा भी रहा l पुस्तक में धीरज लाल हीरानंद अम्बानी के जीवन को दिलचस्प अंदाज़ में सचित्र प्रस्तुत किया गया है , जो मनोरंजक होने के साथ ही प्रेरणा स्रोत के रूप में भी आपके लिए अनुकरणीय होगा l