भविष्यपुराण से सम्बन्धित अपना मत लिखने के पूर्व यह कहना आवश्यक है कि विद्वानों का कथन है कि 'इतिहासपुराणाभ्यां वेदं समुपब्रम्हयेत ”कि इतिहास तथा पुराण वेद के उपबृंहित रूप हैं। यहाँ...
Ashthanga Hridyam [Hindi] by Prof. Ravidutt Tripathi अष्टांग हृदयम [हिंदी] प्रो. रवीदत्त त्रिपाठी द्वारा अनुवादित और व्याख्यायित एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक ग्रंथ है। अष्टांग हृदयम मूल रूप से संस्कृत में है और...