आवाहन By Arun Kumar Sharma
भारत में प्राचीनकाल से ही देवी - देवताओ और सिद्ध, महापुरुषों की छवि के साथ- साथ चक्राकार प्रभामंडल प्रदर्शित किया जाता रहा है I इनके चित्रों को और उसमे प्रभामंडल को देखकर सामान्यत: लोग यही समझते है कि यह उनकी शोभा के लिए और काल्पनिक रूप से महत्ता बताने के लिए दिया गया है I यह भी कहा जाता है कि सन्त- महात्माओ और सिद्ध योगियों के पास जाते ही वे एक ही नजर में लोगों को पहचान लेते है तथा बाधा व्याधियों के बारे में सही - सही जानकारी देते है I सिद्ध पुरुषो के ऐसे चमत्कारी प्रभाव से विद्वान और वैज्ञानिक अछूते नहीं रहे है I साधु- संतो के द्वारा प्रदर्शित ऐसी चमत्कारी घटनाओ को कुछ लोग धार्मिक
तन्त्रम By Arun Kumar Sharma 'तंत्र ' एक विशाल और व्यापक शब्द है और उसी प्रकार उसका अर्थ भी है असीम व्यापक और विशाल I सम्पूर्ण विश्व में जितने भी धर्म है, जितने भी सम्प्रदाय...
Author- Achyutanand Jha वराह लल्लादी आचार्यों की कही हुई युक्तियों को देखकर प्राचीनों के वचनों से पवित्र और विचित्र वास्तुरत्नावली को अपनी बुद्धि के अनुसार मै बनाता हूँ l गृहस्थों...
बृहदवास्तुमाला ज्योतिष शास्त्र का अन्यतम अंग वास्तुविधा है ; इसका ज्ञान बृहत्संहिता, मुहूर्तचिन्तामणि, मुहूर्त्तमार्तण्ड, रत्नमाला, गृहभूषण, वास्तुमाला, वास्तुप्रबन्ध आदि ग्रंथो में विक्रीण है ; इस दृष्टि से 'बृहदवास्तुमाला' में उन...
जिस प्रकार प्राचीन ' मंत्र - शास्त्र ' आदि गुरु भगवान् शिव और शिवा से प्राप्त हैं, वैसे ही शाबर-मन्त्र भी शिव व.प्रार्वती से ही प्राप्त हैं। आदि काल से,...
MAYAMATAM - Hindi (मयमतम्) एक प्राचीन वास्तुशास्त्र ग्रंथ है, जो भारतीय स्थापत्य कला और वास्तुकला का महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। यह ग्रंथ मय नामक ऋषि द्वारा रचित है, जिन्हें...