होराशास्त्रम (बृहज्जातकम)
होराशास्त्रम विञ्जनों द्वारा प्रतिपादित शब्दशास्त्रन्यायशास्त्रदि अनेक शास्त्रों का बहुत बार अध्ययन करने पर भी जो होरा शास्त्ररूपी महासमुद्र को तैरने में सक्षम नहीं हो पाते उन लोगो के लिए नौका स्वरुप इस ग्रन्थ को मै बनाता हूँ, जो अल्प शब्द और बहुत अर्थो से युक्त है I
अहरोत्र का दूसरा नाम होरा होता है I अहोरात्र के पूर्व वर्ण 'अ' और अंत्यवर्ण 'त्र ' के लोप होने से बीच के 'होरा' ये दो अक्षर बाकी रह जाते है I होरा 'लग्न ' को भी कहते है I यह 'होरा' मनुष्य के पूर्व जनमाजिर्त शुभाशुभ कर्मफल को प्रकाशित करता है I
दो मछलियों में परस्पर एक के मुख में दूसरे की पूँछ मिलाकर जो स्वरूप बनता है वह मीन राशि का स्वरूप है I कंधे पर घड़े रखे हुए पुरुष के जैसा कुंभ राशि का स्वरूप है I मिथुन राशि का स्वरूप स्त्री - पुरुष जोड़ा है जिसमे पुरुष के हाथ में गदा तथा स्त्री के हाथ में वीणा है I धनुराशि का कमर से ऊपर मनुष्य का शरीर जो हाथ में धनुष वाण लिए है और कमर के निचे घोड़े का शरीर है I बड़े - बड़े सिंहो से युक्त हरिनमुख तथा मगरमच्छ शरीर सदृशं मकर का स्वरूप है I
इस ग्रन्थ में 'रुद्रविवर्णी' संस्कृत टिका के साथ - साथ 'प्रज्ञावृद्धिनी' हिंन्दी टिका भी दी गई है जिसमे सरल शब्दों में ग्रन्थ के दुरूह स्थलों को समझाया गया है i साथ ही सारणी एवं चक्रो के द्वारा योगो के स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया गया है कि छात्रों को कम समय में ही विषय का ज्ञान हो सके i
Kalitantram Rudrachanditantram - Hindi
कालीतन्त्रम् दशमहाविधानतगर्त भगवती काली की आराधना का एक प्रमाणिक ग्रन्थ है i कलि में काली तथा विनायक को ही तांत्रिक दृष्टि से विशेष फलदायक माना गया है i अखण्ड काल से उन्मिषित कलनात्मिका शक्ति ही काली है i अतएव काल के अन्तर्गत काल के शासन में रहने वाले सचेतन वर्ग मात्र पर भगवती काली का अधिपत्य है i इस दृष्टि से कालितन्त्र में भगवती की यथार्थ उपासना का रूप प्रस्तुत किया गया है i
बहुतों के यहाँ जन्मकुंडली बनवाई ही नहीं जाती l बहुतों की जन्मपत्री माता-पिता की अतत्परता से नहीं बन पाती l बहुतों की असावधानी से खो जाती है l बहुतों की...
रसरत्नाकर 'रस- रसायन खण्ड' रसरत्नाकर ' ग्रन्थ श्री नित्यनाथ सिद्ध विरचित एक महान ग्रन्थ है जो समुद्र की भांति विशाल और गंभीर है l बारहवीं शताब्दी का यह ग्रन्थ वडीखंड,...
रसरत्नाकर 'रसेन्द्र खण्ड - मंत्र खण्ड ' रसरत्नाकर ' ग्रन्थ श्री नित्यनाथ सिद्ध विरचित एक महान ग्रन्थ है जो समुद्र की भांति विशाल और गंभीर है l बारहवीं शताब्दी का यह...
रसरत्नाकर ऋद्धि खण्ड चिकित्सा - विज्ञान के क्षेत्र में ऐसे - ऐसे महत्वपूर्ण ग्रन्थ है, जिनमे समस्त रोगो को दूर करने, चिरयौवन को सुरक्षित रखने अथवा वृद्धावस्था में भी योवन...
LOHASARVASVAM OF SURESVARA Loha Sarvasvam – a handbook for all Ayurvedists. Loha Sarvasvam is one of jewels of Rasa Sastra A born given to Rasa vaidyas. The author Suresvaracarya, has...
वास्तुशास्त्रविमर्श वास्तुशास्त्र एक विकसित शाखा है l इस शाखा की पूर्णता के लिए ज्योतिष की आवश्यकता होती है l इन दोनों शाखाओ में कही सामान्य अंतर है तो यह है...