माँ कामाख्या की तांत्रिक साधना भारतीय वांगमय में कहा है कि कामाख्या देवी का साधक सम्पूर्ण जगत को जीतकर अपने वश में कर लेता है तथा मन्त्रबल से त्रिभुवन में...
मंत्र साधना कैसे करे Author- Shashimohan Bahal मन्त्र विज्ञान विश्व की सर्वश्रेष्ठ सत्ता और शक्ति है I आज का अति विकसित विज्ञान भी मंत्र (ध्वनि ) विज्ञान की क्षमता को...
माहेश्वर तंत्र Author-Rudradev Tripathi "माहेश्वर तंत्र " आगम तंत्रो क़ी मुकुट मणि है i माहेश्वर तंत्र साधना पर प्रायः सभी प्रमुख तंत्र ग्रंथो ने प्रकाश डाला है i "माहेश्वर तंत्र...
Author- Raj Kumar Lt Col A native suffers or enjoys (with the former having a dominant part) in life as per his prarbdha/destiny. Astrology does indicate what one has to...
तंत्र द्वारा मनोकामना सिद्धि Author- Bhrigunath Mishra जिस प्रकार राडार द्वारा एक स्थान पर बैठे - बैठे ही निर्धारित दूरस्थ स्थान पर अस्त्र चालाया जाता है और वह वहाँ जाकर...
श्री कुण्लिनी सिद्धि Author- Prakash Nath श्री कुण्डलिनी महाशक्ति की साधना आध्यात्म के अंग के रूप में प्राचीनकाल से चली आ रही है l कुण्डलिनी जागरण पर अनेक हठयोग राजयोगादि...
Yagya kund Mandap Siddhi [Hindi] By Bhojraj Dwivedi Publisher: Diamond Books यज्ञ कुण्डमण्डप सिद्धि( पौरोहित एवं यज्ञ - विधा पर पहला प्रामाणिक ग्रन्थ ) इस पुस्तक के माध्यम से आप विष्णुयज्ञ,...
PRACTICALS OF MANTRAS TABTRAS Author- LR Chawdhri Mantra and Tantra, the occults of Indian culture have been expounded in detail by the author in this book. First part the mantra...
Author-- CM Shrivastava
भगवान भैरवदेव को रूद्र रूप माना जाता है i यह तत्काल सिद्धिपत्र है i जहां अन्य देवता दीर्घकाल की साधना के बाद कदाचित ही प्रस्नन होते है, वही भैरवदेव तुरंत फल देते है i ये इतने कृपालु एवं भक्त -वत्सल है की सामान्य -स्मरण एवं स्तुति से ही प्रसन्न होकर भक्त के संकटो का निवारण कर देते है i वेदो में रूद्र की जो भय - हरण कारी स्तुति की गई है और उपनिषदों में भयावह स्वरूपधारी होने से जिसके भय से इंद्रादि देवो के द्वारा अपने - अपने कर्म को करने का जो वर्णन हुआ है, वह भगवान् भैरवदेव की ही महिमा है i इतना ही नहीं, भैरव ही ब्रह्मा और विष्णु भी है i
विश्व में भैरवदेव की साधना सात्विक और तामस दोनों प्रकार से की जाती है i अपने श्रद्धावान साधक पर तो ये इतने प्रसन्न होते है की एक तरह से वह उसके वश में ही हो जाते है i यही सिद्धि की अवस्था है i बड़े -बड़े देवताओ और असुरो ने अलौकिक शक्तियां इनकी सिद्धि करके ही प्राप्त की थी i आप भी इनकी साधना -आराधना करके अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करे i