Uddish Tantra Sadhna Avam Pryog - Hindi
तंत्र शास्त्र भी अन्य- विज्ञान - विधाओ की तरह सिद्धान्त और प्रयोग इन दोनों ही पक्षो की व्याख्या करता है i तंत्र क्योकि प्रक्रिया प्रधान शास्त्र है, इसलिए इसकी साधना में गुरु- शिष्य परंपरा की अपेक्षा होती है i परंपरा भेद से एक ही साधना प्रक्रिया प्रयोगों के सन्दर्भ में दूसरे से बिलकुल भिन्न हो जाती है i लेकिन प्रत्येक संप्रदाय शिव को अपना आचार्य मानने में एकमत है i इतना ही नहीं सुर हो या असुर सभी पर शिव की कृपा एक सामान बरसती है I आचार्य और गुरु में ऐसा निष्पक्ष भाव होना ही चाहिए I
भगवान् शिव ने लंकापति रावण को जो तंत्र ज्ञान दिया , उसमे सात्विक साधनाओ के साथ ही तामसी साधनाओ का भी समावेश है I परोक्ष रूप से इनका उद्देश्य तमोगुण की उपेक्षा करते हुए उसका परिष्कार करना है I
ये साधनाए जहां शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है, वही इनकी प्रक्रिया भी सरल -सुगम है I जटिलता न होने के कारण इनकी साधना सामान्य साधक भी कर सकता है I तंत्र शास्त्र की इस विधा में बिना किसी परिश्रम के प्राप्त होने वाली जड़ी - बूटियों एवं सामग्री के प्रयोग का भी विधान है , जिससे सुनिश्चत रूप से इष्ट की सिद्धि होती है I
यह ज्ञान आप सब पाठको की कामनापूर्ति में भी सहायक हो, इसी से इस ग्रन्थ को मूल संस्कृत सहित सरल हिंदी भाषा में प्रस्तुत किया जा रहा है I इसका प्रयोग जनहित के लिए ही करना श्रेयकर है, इस बात का विशेष ध्यान रखे I
Author-- CM Shrivastava
भगवान भैरवदेव को रूद्र रूप माना जाता है i यह तत्काल सिद्धिपत्र है i जहां अन्य देवता दीर्घकाल की साधना के बाद कदाचित ही प्रस्नन होते है, वही भैरवदेव तुरंत फल देते है i ये इतने कृपालु एवं भक्त -वत्सल है की सामान्य -स्मरण एवं स्तुति से ही प्रसन्न होकर भक्त के संकटो का निवारण कर देते है i वेदो में रूद्र की जो भय - हरण कारी स्तुति की गई है और उपनिषदों में भयावह स्वरूपधारी होने से जिसके भय से इंद्रादि देवो के द्वारा अपने - अपने कर्म को करने का जो वर्णन हुआ है, वह भगवान् भैरवदेव की ही महिमा है i इतना ही नहीं, भैरव ही ब्रह्मा और विष्णु भी है i
विश्व में भैरवदेव की साधना सात्विक और तामस दोनों प्रकार से की जाती है i अपने श्रद्धावान साधक पर तो ये इतने प्रसन्न होते है की एक तरह से वह उसके वश में ही हो जाते है i यही सिद्धि की अवस्था है i बड़े -बड़े देवताओ और असुरो ने अलौकिक शक्तियां इनकी सिद्धि करके ही प्राप्त की थी i आप भी इनकी साधना -आराधना करके अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करे i
हनुमान तंत्र सिद्धि Author- CM Shrivastava हनुमान राम भक्त है I इन्हे देवताओ से वर प्राप्त है कि कोई भी इनका कुछ बिगाड़ नहीं सकता I आठो सिद्धियाँ और नौ...
बगलामुखी तंत्र साधना एवं सिद्धि उपासना और अनुष्ठान की शास्त्र सम्मत प्रमाणिक जानकारी कथा आती है कि सती को जब यह पता चला कि उनके पिता दक्ष ने यज्ञ में शिव...
महामृत्युंजय साधना एवं उपासना
'मृत्यु' - यह एक ऐसा भयावह शब्द है, जिसके स्मरण मात्र से ही शरीर में सिहरन दौर जाती है, किन्तु यह भी एक शाश्वत सत्य है कि मृत्यु एक दिन सभी को आनी है i
लेकिन असमय क़ी मृत्यु जो जादू-टोना, घातक रोग एवं दुर्घटना आदि कारणों से होती है और जिसे अकाल मृत्यु कहते है, बड़ी बेदर्द तथा स्वजनों को संताप से भर देने वाली होती है i
अकाल मृत्यु से बचने और बचाने का केवल एक ही उपाय है - मृत्युंजय साधना i महाकाल यमराज के मृत्युपपाश से छुड़ाने वाले केवल भगवान् मृत्युंजय शिव है , जो अपने साधक को अल्पायु से दीघार्यु बनाने में समर्थ है i
अकाल मृत्यु से बचाकर दीर्घायु और अमरता प्रदान करने वाली, अमोघ साधना की जानकारी देने वाली एक अद्वितीय पुस्तक !